अक्षय तृतीया

किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत लोग उसके सफल होने की उम्मीद के साथ ही करते हैं। ऐसे में एक ऐसा शुभ दिन आ रहा है, जब आप अपने हर शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।

आइए जानते हैं, क्यों लोग अक्षय तृतीया के दिन शुभ कार्य करते हैं? क्यों खरीदारी करते हैं? आखिर क्या है अक्षय तृतीया का महत्व?

अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार 28 अप्रैल, शुक्रवार को अक्षय तृतीया है। अक्षय का मतलब है जिसका कभी क्षय ना हो यानी जो कभी नष्ट ना हो। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका अनेक गुना फल मिलता है।

भविष्य पुराण के मुताबिक अक्षय तृतीया तिथि का विशेष महत्व है, सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ इसी तिथि से हुआ है। इस दिन बिना पंचांग देखे भी शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश किया जा सकता है।

दान करने से बढ़ेगी सुख-समृद्धि
अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि अक्षय तृतीय के दिन सोना खरीदने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है और सोने की मात्रा घर में बढ़ती जाती है। मगर परंपरा को मानना अपनी जगह है, यदि आप सोना नहीं खरीदना चाहते हैं या आपका बजट नहीं है तो बिल्कुल परेशान न हों हमारे शास्त्र कहते हैं, अक्षय तृतीया के दिन दान अवश्य करें। दान करने से आपका आने वाला समय अच्छा होगा, जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होंगी और सुख-समृद्धि बढ़ेगी।

पापों से मिलती है मुक्ति
पुराणों के मुताबिक अक्षय तृतीया के दिन पितरों के लिए किया गया पिंडदान या कोई भी दान भी अक्षय फल प्रदान करता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है, ऐसी मान्यता है कि गंगा स्नान के बाद पूजन और दान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।