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नई दिल्ली, कभी देश भर के खूंखार मुजरिमों की आंखों की किरकिरी बन चुके सुहैब इलियासी की तकदीर का फैसला आज दिल्ली की एक अदालत ने कर दिया. अपनी ही पत्नी की हत्या के आरोपी सुहैब को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है.

क्राइम शो ‘इंडियाज मोस्ट वांटेड’ के जरिए कितने ही मुजरिमों को पकड़वाने वाले सुहैब ने अपनी पत्नी की हत्या कर सुसाइड की स्क्रिप्ट तो जोरदार लिखी थी, लेकिन कानून की पैनी निगाहों से वह खुद को नहीं बचा सका. हालांकि, सरकारी वकील ने इस केस में दोषी करार दिए गए सुहैब के लिए फांसी की सजा की मांग की थी, लेकिन अदालत ने उम्रकैद दिया.

परिवार के वकील ने कहा कि ये गुनाहों पर सीरियल बनाता था. लोग इसको देखते थे, लेकिन इसने उसी से सीख लेकर इस घटना को अंजाम दिया. इसने हत्या के मामले को आत्महत्या दिखाने की कोशिश की. ये जघन्य अपराध का मामला है. उससे पहले सुहैब ने कहा, ‘मैं बेकसूर हूं. मैं ऊपरी अदालत में इस आदेश के खिलाफ अपील करुंगा. हाईकोर्ट में सारे सबूत ले कर जाऊंगा.’

उसने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि वहां मुझे न्याय मिलेगा. मेरे खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है.’ उसके वकील ने कहा कि ये पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर आधारित है. इसका कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. लिहाज़ा इस मामले को दुर्लभ की श्रेणी मे नहीं रखा जा सकता. इसके अलावा इस मामले में बर्बरता या सुनियोजित साजिश नहीं की गई है.

1998 में अपना क्राइम शो शुरू करने के बाद सुहैब टेलीविजन की दुनिया का चर्चित चेहरा बन गया. देखते ही देखते सुहैब इलियासी का नाम इस शो के जरिए फेमस हो गया. लेकिन 17 साल पहले किए गए एक अपराध ने उससे उसका सारा स्टारडम छीन लिया. 11 जनवरी 2000 को सुहेब की पत्नी अंजू इलियासी की रहस्यमयी हालत में मौत हो गई थी.

शुरू में तो सुहैब पुलिस को आंखों में धूल झोंकने में सफल रहा. उसने अपनी पत्नी की हत्या को सुसाइड की कहानी बना दी. लेकिन 17 साल बाद इसी शनिवार को दिल्ली की निचली अदालत ने अंजू की मौत के लिए सुहैब इलियासी को दोषी करार दिया. अब बस सजा का एलान होना है. सुहैब ने अपनी पत्नी की मौत को सुसाइड बताया, लेकिन यह उसकी खुद की लिखी गई कहानी थी.

हकीकत यह है कि उसने अपनी पत्नी की हत्या की थी. इलियासी ने अपनी पत्नी की मौत की खबर सबसे पहले अपने दोस्त को दी. सुहैब ने अपने दोस्त को बताया कि उसकी पत्नी अंजू ने सुसाइड कर लिया है. लेकिन जैसे ही यह बात अंजू के परिवार वालों को पता चला तो उन्होंने इल्जाम लगाया कि अंजू सुसाइड नहीं कर सकती, बल्कि उसका कत्ल किया गया है.

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की और मार्च 2000 में सुहैब इलियासी को दहेज हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. लेकिन कुछ समय बाद ही वह बेल पर बाहर आ गया. अंजू का परिवार पुलिस की जांच से खुश नहीं था. वे मामले को लेकर हाई कोर्ट पहुंचे. साल 2014 में हाई कोर्ट ने पुलिस से कहा कि हत्या की धाराओं में मुकदमे की जांच की जाए.

पुलिस ने जांच शुरू की. फिर नए सिरे से सुबूतों की पड़ताल शुरू हुई. जांच में पुलिस ने पाया कि सुहैब इलियासी ने ही अपनी पत्नी की हत्या की थी. हत्या कैंची से की गई थी. दरअसल जो सूट अंजू ने पहना था उस पर कैची का कट नहीं था. इतना ही नहीं पोस्टमार्टम करने वाले 3 डॉक्टरों में से एक डॉक्टर ने भी हत्या का शक जताया था.

इसके बाद 5 डॉक्टरों का एक और पैनल बनाया गया. उन डॉक्टरों ने अंजू की मौत पर हत्या का शक जाता दिया. दरअसल अंजू की मौत 10 बजकर 45 मिनट पर हुई थी, जबकि सुहैब उसे 12 बजकर 26 मिनट पर एम्स लेकर पहुंचा था. पुलिस को बाथरूम में भी खून के निशान मिले थे. इतना ही नही जांच में यह बात भी सामने आई कि दोनों में अक्सर झगड़ा होता रहता था और दोनों के रिश्तों में खटास आ गई थी.

सारे सबूतों को पुलिस ने कोर्ट के सामने रखा और कोर्ट ने सुहैब इलियासी को हत्या का दोषी करार दिया. आज दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट अब सुहैब को उसके गुनाहों के लिए सजा का ऐलान करेगी. सुहैब इलियासी और अंजू साल 1989 में जामिया मिलिया इस्लामिया में एक साथ पढ़ रहे थे. तभी दोनों के बीच प्यार हुआ.

अंजू के घर वालों ने इस रिलेशन को लेकर विरोध किया. इसके बाद दोनों लंदन चले गए. घरवालों के विरोध के बावजूद सुहैब और अंजू ने साल 1993 में लंदन में शादी कर ली. सुहैब ने अपने गुनाह की जो स्क्रिप्ट तैयार की वह बेहद ही शातिराना थी. उसने अपने गुनाह और गुनाह के निशान को इस कदर मिटाया कि एकबार तो उसकी कहानी पर सबको यकीन होने लगा था. लेकिन आखिरकार पुलिस की मुकम्मल तफ्तीश की बदौलत उसकी स्क्रिप्ट झूठी साबित हुई.