पीएम नरेंद्र मोदी के सबसे करीबी माने जाने वाले नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि पीएम मोदी सभी लोगों से विचार-विमर्श करके ही कोई फैसला करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सुनियोजित तरीके से उनकी छवि खराब करने के लिए यह झूठ फैलाया है कि वह अपनी ही चलाते हैं। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि पीएम जिद से कोई फैसला नहीं करते, लेकिन जोखिम जरूर लेते हैं।

संसद टीवी को दिए गए इंटरव्यू में गृहमंत्री से पूछा गया कि क्या पीएम मोदी अधिनायकवादी हैं या तानाशी चलाते हैं? गृहमंत्री ने इसका खंडन करते हुए कहा कि विपक्ष ने जानबूझकर उनकी ऐसी छवि बनाने की कोशिश की है, जबकि वह बेहद लोकतांत्रिक तरीके से फैसले लेते हैं। शाह ने कहा, ‘मैंनें मोदी जी को नजदीक से काम करते हुए देखा है, मैंने मोदी जी जैसा श्रोता देखा ही नहीं है, किसी भी समस्या के लिए बैठक हो मोदी जी कम से कम बोलते हैं। सब लोगों को धैर्यपूर्वक सुनते हैं और फिर उचित निर्णय लेते हैं, कई बार तो हमें भी लगता है कि इतना सोच-विचार हो रहा है। वे बहुत धैर्यपूर्वक निर्णय लेते हैं और छोटे से छोटे व्यक्ति के सुझाव को गुणवत्ता के आधार पर महत्व देते हैं व्यक्ति केआधार पर नहीं देते।”

शाह ने आगे कहा, ”यह कह देना कि वो निर्णय थोपने वाले नेता हैं, यह जरा भी सच नहीं है और जिन जिन लोगों ने उनके साथ काम किया है और काम करने वालों में भी आलोचक होते हैं और वो भी इतना जरूर कहेंगे कि इतने लोकतांत्रिक  तरीके से कैबिनेट कभी नहीं चलती होगी जितने डेमोक्रेटिक तरीके से मोदी जी के प्रधानमंत्री होने के नाते चलती है, मैंने उनके जैसा श्रोता देखा नहीं है।”

‘जानबूझकर छवि बिगाड़ने की कोशिश’
पीएम मोदी की ऐसी छवि क्यों बनाई जा रही है? इसके जवाब में शाह ने कहा, ” सबके साथ चर्चा करकर, सबको बोलने का मौका देकर, सबके प्लस-माइनस पॉइंट्स सुनकर, फिर फैसले होते हैं। बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है जो मैं बोलने जा रहा हूं…. कुछ लोग जो हमारे वैचारिक विरोधी हैं…. वो, सत्यकुछ भी हो… सत्य को तोड़-मरोड़कर लोगों के सामने कैसा रखना है, वो भी प्रयास हम तो देख ही रहे हैं…. आप भी शायद देखते होंगे और इसके कारण छवि को आहत करने का भी सुनियोजित प्रयास हुआ है।”

‘जोखिम लेकर करते हैं फैसला’
यह पूछे जाने पर कि किया पीएम मोदी जिद्द करके और जोखिम लेकर फैसले करते हैं? अमित शाह ने कहा कि पीएम  मोदी जी जोखिम लेकर फैसला करते हैं, यह सही है… क्योंकि उनका मानना है और सार्वजानिक जीवन में कई बार उन्होंने कहा भी है कि हम देश बदलने के लिए सरकार में आएं हैं, सरकार चलाने के लिए सरकार में नहीं आए हैं। हमारा लक्ष्य देश के अंदर परिवर्तन लाना है…137 करोड़ की जनता को विश्व में, दुनिया के सब बड़े लोकतंत्र को विश्व में एक सम्मानजनक स्थान पर पहुंचाना है… जोकि पिछले कई सालों से यहां पड़ा है।”