एक दिन यमराज एक लड़के के पास आये और बोले –
“लड़के, आज तुम्हारा आखरी दिन है!”
लड़का : “लेकिन मैं अभी तैयार नही हुँ “
यमराज : “ठिक है लेकिन सूची मे तुम्हारा नाम पहला है”
लड़का : “ठिक है , फिर क्युं ना हम जाने से पहले साथ मे बैठ कर चाय पी ले ?
यमराज : “सहि है”
लड़के ने चाय मे नीद की गोली मिला कर यमराज को दे दी।
यमराज ने चाय खत्म की और गहरी नींद मे सो गया।
लड़के ने सूची मे से उसका नाम शुरुआत से हटा कर अंत मे लिख दिया।
जब यमराज को होश आया तो वह लड़के से बोले -“क्युंकी तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा इसलिये मे अब सूची अंत से चालू करूँगा”..!
: सीख :
“किस्मत का लिखा कोई नही मिटा सकता”
अर्ताथ – जो तुम्हारी किस्मत मे है वह कोई नही बदल सकता चाहे तुम कितनी भी कोशिश कर लो।
इसलिये भगवत गीता मे श्री कृष्ण ने कहा है –
“तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हुँ
तू कर वह जो मैं चाहता हुँ
फिर होगा वही जो तू चाहता हैं”