बदायूं, 10 मई 2021

उत्तर प्रदेश में कोरोना कर्फ्यू के दौरान वैवाहिक आयोजनों से लेकर अंत्येष्टि तक में शामिल होने के नियम बनाए गए हैं। लेकिन बदायूं में जिला ए काजी हजरत सालिमुल कादरी के जनाजे में मुरीदों की भीड़ उमड़ी तो शारीरिक दूरी और मास्क के सारे नियम टूट गए। उस समय तो पुलिस ने रोकने के कोई उपाय नहीं किए, लेकिन इंटरनेट मीडिया पर भीड़ का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के जनाजे में भारी जनसैलाब उमड़ा। जनाजे में शामिल लोगों ने कोरोना संक्रमण की कोई परवाह नहीं की। बिना मास्क के हजारों लोग जनाजे में शामिल हुए। शारीरिक दूरी को भी पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया। उनके जनाजे को कांधा देने के लिए मुरीदों के बीच मारा-मारी मची रही। इस दौरान पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से पंगु नजर आया।

मदरसा आलिया कादरिया में सुबह से ही मुरीदों का जाना-जाना शुरू हो गया था। संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने कोरोना कर्फ्यू की अवधि 17 मई तक बढ़ाकर सख्ती बरतने के आदेश दिए हैं, लेकिन शहर में भीड़ जुटती रही, पुलिस ने कहीं रोकने की कोशिश नहीं की। सालिम मियां के नजाजे में शहर के अलावा जिलेभर से हजारों की संख्या में मुरीद पहुंच गए। तब भी पुलिस की नींद नहीं टूटी। जनाजे में शामिल होकर लोग घरों को लौट भी गए, लेकिन कहीं कोई रोकटोक नहीं हुई।

जब सालिम मियां के सुपुर्दे खाक के दौरान उमड़ी भीड़ का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस ने अपना बचाव करते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।

अतरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण चौहान ने बताया कि मामला धार्मिक होने की वजह से एहतियात बरती गई थी। इकट्ठा भीड़ नहीं आयी है। जगह कम होंने से भीड़ा ज्यादा दिख रही है। लेकिन फिर कोतवाली में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करा दी गई है।

ज्ञात हो कि दरगाह आलिया कादरिया के सज्जादा नशीन काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी का रविवार तड़के निधन हो गया। वह करीब 65 साल के थे। उनके निधन से जिले में शोक की लहर दौड़ गई। उन्होंने सुबह करीब चार बजे अंतिम सांस ली। अंतिम दीदार के लिए उनके मुरीदों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जनाजे में शामिल लोगों ने कोरोना संक्रमण की कोई परवाह नहीं की।

काजी-ए-जिला शेख अब्दुल हमीद मोहम्मद सालिमुल कादरी के निधन की खबर सुबह से ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगी। जिसे भी पता लगा वह सीधे उनके अंतिम दीदार के लिए पहुंच गया। गम के माहौल में हजारों मुरीद अपने पीर की आखरी दीदार के लिए तड़पते दिखे। मुरीदों ने कोरोना महामारी की भी कोई परवाह नहीं की। जिले समेत आस-पास के जिलों से मुरीद कोरोना कर्फ्यू की परवाह किए बिना मुख्यालय पहुंच गए।