घुसपैठ

आतंकवाद से लहूलुहान जम्मू-कश्मीर में करीब 150 से अधिक आतंकवादी घुसपैठ करके उत्पात मचा रहे हैं। इसमें करीब 120 स्थानीय युवक आतंकवाद का दामन थामकर सीमापार से आये घुसपैठियों का साथ दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने तीन दर्जन से अधिक स्थानीय आतंकवादियों को ढेर करने में कामयाबी हासिल की है।

मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में इस समय करीब 260 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें करीब 150 से अधिक पाकिस्तानी आतंकवादी शामिल हैं। हालांकि, बीते दो साल के दौरान 120 स्थानीय युवकों ने आतंकवाद का दामन थामा है। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि राज्य में सक्रिय आतंकियों की संख्या लगातार घटती और बढ़ती रहती है। इस समय पूरे राज्य में करीब 260 आतंकी सक्रिय रूप से उत्पात मचा रहे हैं। 150 विदेशी आतंकी हैं।

पिछले साल घाटी में कुकुरमुत्ते की तरह उग आये आतंकवादी-
मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक, वर्ष 2016 के अंत तक या फिर इस साल के आरंभ तक घाटी में स्थानीय आतंकवादियों की संख्या ज्यादा थी। अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से 88 लड़कों ने आतंकवाद का रास्ता अख्तियार किया। इस साल अब तक 32 स्थानीय युवकों के आतंकवादी संगठनों में शामिल होने की सूचना है। कुछ युवकों ने आतंकवाद को अलविदा कहते हुए सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण भी किया है। उनका कहना है कि तीन दर्जन स्थानीय आतंकी विभिन्न मुठभेड़ों के दौरान मारे गये हैं। अधिकारियों के मुताबिक आतंकी संगठनों में कभी भी स्थानीय युवकों की भर्ती बंद नहीं हुई है।

तीन साल में स्थानीय आतंकवादियों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि-
मीडिया की खबरों के मुताबिक, बीते तीन साल में आतंक की राह अपनाने वाले युवकों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। यदि आतंकवाद की राह अपनाने वाले युवकों की संख्या पर सालाना अधार पर नजर डालें, तो 2010 में 54, 2011 में 23, 2012 में 21 और 2013 में 16 युवकों ने आतंकवाद की राह अपनाया। यह भी बताया जा रहा है कि 2014 से यह संख्या लगातार बढ़ रही थी।

बीते पांच महीनों में घुसपैठ की 120 कोशिशें-
इसके साथ ही, इस साल के पहले पांच माह के दौरान मई माह के अंत नियंत्रण रेखा पर आतंकियों ने घुसपैठ की 120 कोशिशें की और इनमें 30 ही आतंकवादी भीतरी इलाकों में पहुंचने में समर्थ रहे हैं।