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नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स की ओर से स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मरीजों को बड़ी राहत दी गई है। एम्स में 500 रुपए से कम की कीमत में होने वाले टेस्ट मुफ्त में होंगे। एम्स इस योजना पर काम कर रहा है और जल्द ही इसे लागू किया जाएगा साथ ही इस प्रस्ताव को स्वास्थय मंत्रालय को भेजा जाएगा।

इस प्रस्ताव के पास होने के बाद मरीजों को एम्स में ब्लड टेस्ट , एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सिटी स्कैन टेस्ट जैसे कई टेस्टों के लिए अपनी पैसा खर्च नहीं होगा। एम्स ने यह फैसला 15 डॉक्टरों की कमेटी बनाने के बाद किया है। कमेटी अस्पताल में आ रहे मरीजों को किस प्रकार की परेशानी झेलनी पड़ती है इस पर काम कर रही थी।

अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एम्स में हर रोज लगभग 10,000 से ज्यादा मरीज ऐसे आते हैं जो इन टेस्टों को करवाते हैं। वहीं लगभग 2000 लोग रोजाना अस्पताल में भर्ती किए जाते हैं। एम्स हर साल लगभग 101 करोड़ की कमाई सिर्फ इन टेस्टो, एडमिशन फीस और रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए ही कमा लेता है।

रणदीप गुलेरिया के अनुसार अस्पताल में लगभग 266 प्राइवेट रूम हैं, अगर हम प्राइवेट वार्ड का पैसा बढ़ाते भी हैं तो इससे लोगों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। क्योंकि किसी भी प्राइवेट अस्पताल में एक रूम का चार्ज करीब 5000 या 10000 होता बल्कि एम्स में यह सुविधा काफी सस्ती है।

एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के अनुसार, अस्पताल अभी इस योजना पर काम कर रहा है। अगर ये योजना लागू होती है तो हमें प्राइवेट वार्ड की फीस में बढ़ोतरी करने पड़ेगी।