भोपाल, 17 मई 2021

मध्यप्रदेश में कोविड से मरने वाले कर्मचारियों के लिए सरकार नई योजना लागू करने जा रही है। इसके तहत कोरोना से मरने वाले कर्मचारियों के परिवारवालों में से किसी एक को समान पद पर नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही, 5 लाख रुपए आर्थिक सहायता के तौर पर एकमुश्त दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 अनुंकपा नियुक्ति योजना और विशेष अनुग्रह योजना लाने जा रही है। ये घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को की।

योजना का लाभ सभी नियमित, स्थाई कर्मचारी, कार्यभारित व आकस्मिक निधि से वेतन पाने वाले, दैनिक वेतन भोगी, संविदा, कलेक्टर दर पर कार्यरत कर्मचारियों को मिलेगा। इसी तरह, कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना के तहत पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपए की अनुगृ़ह राशि दी जाएगी। यह राशि उनके परिवार का संबल बनेगी। इसमें आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, कोटवार भी योजना में शामिल होंगे।

हालांकि प्रदेश में नियमित कर्मचारियों मृत्यु होने पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान लागू है। इसमें पीड़ित के परिवार में से किसी एक को योग्यता और अर्हता के आधार पर नियुक्ति दी जाती है। नई योजना में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे, जिससे कोरोना से मौत होने पर उनके आश्रितों को जल्द नियुक्ति मिल सके।

उन्होंने कहा, आशा कार्यकर्ताओं के लिए अनुकंपा नियुक्ति की अलग से योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी राज्य शासन के अभिन्न अंग हैं। कोविड महामारी के बीच कर्मचारी निष्ठा से काम कर रहे हैं। ऐसे में दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। कई कर्मचारी काम-काम करते हमेशा के लिए बिछड़ गए। उनके परिवार की चिंता करना हमारी जिम्मेदारी है।

334 शिक्षकों की कोरोना से हो चुकी है मौत

प्रदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारी, कर्मचारी व शिक्षक समेत 366 लोगों की कोराेना से मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 334 शिक्षकों की संख्या है। साथ ही 19 कर्मचारी, 11 प्राचार्य और 2 अधिकारी शामिल हैं। वहीं, कोरोना संक्रमितों में भी 1809 में से 1633 शिक्षक कोरोना संक्रमित हैं। साथ ही 80 प्राचार्य, 73 कर्मचारी व 23 अधिकारी शामिल हैं।​​​​​

35 बिजली व 88 पुलिसकर्मियों की जान गई

जानकारी अनुसार कोरोना से 35 बिजली कर्मियों व 88 पुलिस कर्मियों की मौत हो चुकी है। राज्य मंत्रालय में ही अब तक 148 अधिकारियों व कर्मचारियों की मौत कोरोना के कारण हो चुकी है। इसके अलावा अन्य विभागों में कई अधिकारी व कर्मचारी जान गंवा चुके हैं।