पिछले तीन-चार माह के दौरान राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के परिवार में सबकुछ सही नहीं चल रहा। विशेषकर उनके दोनों बेटों तेजस्वी व तेजप्रताप यादव के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है। पहले जगदानंद सिंह प्रकरण और अब इसके बाद ताजा विवाद की वजह से तेजप्रताप राजद में हाशिए पर चले गए हैं। इन सभी घटनाक्रमों की वजह से उनके विधानसभा क्षेत्र के लोग परेशान हैं। कोरोना की दूसरी लहर, बाढ़ और अब जर्जर सड़क की वजह से परेशान चल रहे समस्तीपुर के इस पिछड़े प्रखंड की समस्याओं को उचित मंच पर उठाने वाला कोई नहीं है। चर्चित विधानसभा सीट रही हसनपुर की जनता का कहना है कि हमलोगों ने तेजप्रताप को इसलिए वोट दिया था कि वे हमारी समस्याओं को ऊंचे स्तर तक पहुंचाएंगे और हालत में सुधार होगा, लेकिन उनको परिवार की परेशानी से ही मुक्ति नहीं मिल रही है। कभी पिताजी की बीमारी तो कभी भाई से विवाद। कभी हमने नहीं सोचा था, ऐसा दिन भी आएगा…

स्नातक के छात्र अमल यादव कहते हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान समस्तीपुर जिला अंतर्गत हसनपुर विधानसभा के लोगों ने तेजप्रताप को इसलिए अपना प्रतिनिधि चुना, क्योंकि उन्हें भरोसा था कि हर तरह से पिछड़े इस क्षेत्र की आवाज को वे न केवल दमदारी से सभी मंचों पर उठाएंगे, वरन उसका समाधान भी कराएंगे। चुनाव संपन्न हुए एक साल पूरे होने को आए। इस दौरान क्षेत्र में उनकी उपस्थिति नहीं के बराबर रही है। वे सदा किसी न किसी परेशानी या विवाद में उलझे रहते हैं। शेष समय वृंदावन में। इस हालत में यहां की जनता को यह चिंता सताने लगी है कि शेष बचे चार साल में उनकी समस्या ऊपर तक कैसे पहुंच पाएगी? बाढ़ के बाद सड़कों की स्थिति, हसनपुर बाजार में जाम की समस्या, स्टेडियम का निर्माण, कालेज की स्थापना, चिकित्सा सुविधाओं के विकास आदि का क्या होगा?

हाशिए पर जाते दिख रहे

विदित हो कि पहले जगदानंद सिंह प्रकरण और अब तेजस्वी से विवाद के बाद राजद में तेजप्रताप हाशिए पर जाते दिख रहे हैं। वरीय राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कुछ दिनों पहले इसके संकेत भी दिए थे। फिलहाल बिहार विधानसभा उपचुनाव के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में तेजप्रताप का नाम नहीं होने से इस बात को और बल मिल रहा है। मामले की गंभीरता का अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि बीमार लालू प्रसाद की सेवा के लिए दिल्ली रह रहीं पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राबड़ी देवी को रविवार की शाम को पटना आना पड़ा। एयरपोर्ट से वह सीधे तेजप्रताप के घर गईं, लेकिन दोनों की मुलाकात नहीं हो सकी।