अमरनाथ यात्रियों के जत्थे पर आतंकी हमले में सोमवार शाम हुए इस हमले में 7 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 19 यात्री घायल हो गए। सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से बड़ी खामी सामने आ रही है। खुफिया एजेंसियां और राज्य सरकार इस घटना के लिए बस मालिक और ड्राइवर पर ही सवाल उठा रहे हैं कि अमरनाथ यात्रा के लिए उसने जरूरी रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था और न ही बस सुरक्षा मानकों का पालन कर रही थी।

यह बस गुजरात की एक निजी ट्रैवल कंपनी की थी, जिसने इन बातों को झूठ करार दिया है। ट्रैवल कंपनी के मालिक जवाहर देसाई ने कहा कि ड्राइवर के साथ-साथ सारे भक्तों के पास रजिस्ट्रेशन था और ये कागज हमले के बाद बस में ही छूट गए थे। उन्होंने कहा कि बगैर रजिस्ट्रेशन बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कोई जा ही नहीं सकता।

अमरनाथ में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने केंद्रीय गृहमंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि बातेंगो के पास बस पर कुछ ही सैकेंडों के भीतर दो बार हमला किया गया। रिपोर्ट्स के अनुसार अज्ञात हमलावरों ने रात 8 बजकर 17 मिनट पर कुछ सैंकेंड के अंतराल पर दो बार गोलियां चलाईं।

इस बीच बस ड्राइवर सलीम ने बस को तेजी से दौड़ाना शुरू कर दिया लेकिन करीब 75 मीटर दूर आतंकियों ने फिर से बस पर गोलियां चलाई। इसके बाद सलीम बस को बिना रोके चलाता गया और खन्नाबल पर पुलिस पार्टी को देखकर बस रोकी। सभी को अनंतनाग पुलिस थाने ले जाया गया जहां घायलों का इलाज शुरू हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार आतंकियों ने बस के दाहिने तरफ सेगोलीबारी की जिस वजह से बस के दाहिने हिस्से में बैठे यात्री ज्यादा घायल हुए। सुरक्षा अधिकारी के अनुसार इससे पहले सोमवार को आतंकियों ने बाटेंगू में पुलिस बंकर पर हमला किया था और फिर कांदेरबल में पुलिस नाके को निशाना बनाया था। पुलिस ने भी जवाब में आतंकियों पर फायरिंग की थी।

कश्मीर के आईजी मुनीर खान ने एएनआई को बताया कि इस हमले के पीछे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ है, इसी के साथ ही उन्होंने बताया कि हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तानी आतंकी इस्माइल है। सूत्रों के हवाले से ये खबर सामने आई है कि इस आतंकी हमले में तीन से पांच आतंकी शामिल थे।