आज अगर बैंक जा रहे हैं तो हो सकता है आपका काम न हो, क्योंकि आज और कल (17 दिसंबर) को हड़ताल की वजह से कामकाज प्रभावित रहेगा। 9 लाख बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से चेक क्लीयरेंस, फंड ट्रांसफर प्रभावित होगा। वैसे तो हड़ताल 16 और 17 दिसंबर को है और वहीं, 18 दिसंबर को शिलॉन्ग में बैंकों में कामकाज नहीं होगा। इस दिन यू सोसो थाम की पुण्यतिथि है। इसके अलावा 19 दिसंबर को रविवार का दिन है। कहने का मतलब ये है कि 19 दिसंबर तक देश के अलग-अलग हिस्सों में बैंकों में कामकाज प्रभावित रहेगा। ऐसे में सुचारू ढंग से कामकाज के लिए 20 दिसंबर का इंतजार करना होगा।

बता दें यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 16 और 17 दिसंबर को दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), इंडियन बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब एंड सिंध बैंक और केनरा बैंक जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अपने कर्मचारियों से दो दिवसीय हड़ताल शुरू करने के निर्णय को वापस लेने की अपील की थी।

आपको बता दें कि यूएफबीयू नौ यूनियनों का एकछत्र निकाय है, जिसमें अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (AIBOC),अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (AIBEA) और राष्ट्रीय बैंक कर्मचारी संगठन (NOBW) शामिल हैं। इस यूनियन के अधीन 9 लाख कर्मचारी हैं। यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के विरोध में 16 व 17 दिसंबर को बैंक कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल करेंगे।

यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के प्रदेश संयोजक महेश मिश्रा ने विज्ञप्ति जारी कर बताया की इस हड़ताल में सार्वजनिक क्षेत्र की 4,000 से भी अधिक शाखाओं में कार्यरत 25,000 अधिकारी व कर्मचारी शामिल होंगे।  उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में बैंकिंग कानून संशोधन विधेयक लेकर आ रही है जिससे भविष्य में किसी भी सरकारी बैंक को निजी क्षेत्र में देने का रास्ता साफ हो जाएगा। बैंक कर्मचारी व अधिकारी सरकार के इस निर्णय के खिलाफ लामबंद होकर 16 व 17 दिसंबर की दो दिन की देशव्यापी हड़ताल करेंगे।

क्या है हड़ताल की वजह

हाल ही में सालाना बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश के ज़रिए 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की घोषणा की थी। मोदी सरकार कई सरकारी कंपनियों के साथ-साथ कुछ बैंकों के निजीकरण के ज़रिए इतनी रक़म जुटाएगी। बैंक कर्मचारी संघ वर्तमान सत्र में मौजूदा कानूनों में संशोधन करके दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण के सरकार के प्रस्तावित कदम का विरोध कर रहे हैं।

बैंकों ने अपने ग्राहकों को किया अलर्ट

एसबीआई ने अपने कर्मचारियों से हड़ताल वापस लेने की अपील करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। बैंक ने एक ट्वीट में कहा, “हम अपने स्टाफ सदस्यों से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और अपने ग्राहकों, निवेशकों और बैंक के हित में 16 और 17 दिसंबर 2021 को प्रस्तावित हड़ताल में भाग लेने से परहेज करने का अनुरोध करते हैं। इसके अलावा चल रही महामारी की स्थिति को देखते हुए, हड़ताल का सहारा लेने से हितधारकों को बड़ी असुविधा होगी। ”

यूको बैंक ने भी अपनी यूनियनों से ग्राहकों के हित में देशव्यापी बैंक हड़ताल को वापस लेने का अनुरोध किया है।   इसी तरह सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने यूनियनों से कहा है कि वे अपने सदस्यों को बैंक के समग्र विकास के लिए अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने को अधिकतम प्रयास करने की सलाह दें।

केनरा बैंक ने एक ट्वीट में कहा कि बैंक ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए 14 दिसंबर को संबंधित पक्षों के साथ बैठक बुलाई है। इंडियन बैंक ने ट्वीट किया, ”अपने ग्राहकों को निर्बाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए हमने प्रमुख संघों / यूनियनों के नेताओं को चर्चा के लिए आमंत्रित किया है और उनसे 16 और 17 दिसंबर, 2021 को प्रस्तावित हड़ताल वापस लेने की अपील की है।”