भारत में क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर बहस के बीच सरकार इसे टैक्स के दायरे में लाने पर विचार कर रही है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सरकार क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव पर विचार कर रही है। इनमें से कुछ बदलाव अगले साल के बजट का हिस्सा हो सकते हैं।

न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में राजस्व सचिव तरुण बजाज ने कहा, ‘‘हम निर्णय लेंगे। मैं समझता हूं कि पहले से ही लोग इस पर टैक्स चुका रहे हैं। अब जब यह वास्तव में बहुत बढ़ गया है, तो हम देखेंगे कि क्या कानून की स्थिति में कुछ बदलाव ला सकते हैं या नहीं। लेकिन यह एक बजट की गतिविधि होगी। हम पहले से ही बजट के करीब हैं, हमें उस समय को देखना होगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) का प्रावधान पेश किया जा सकता है, सचिव ने कहा, ‘‘अगर हम एक नया कानून लेकर आते हैं, तो हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हां, अगर आप पैसा कमाते हैं तो आपको टैक्स देना होगा… हमारे पास पहले से ही कुछ टैक्स हैं, कुछ ने इसे एक संपत्ति के रूप में माना है और इस पर कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान किया है।

पीएम मोदी ने कही थी ये बात: इससे पहले क्रिप्टोकरेंसी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जाहिर की थी। उन्होंने कहा- सभी लोकतांत्रिक देशों को इस पर मिलकर काम करना होगा। साथ ही हमें यह भी कोशिश करनी होगी कि यह गलत हाथों में ना जाए। ऐसा होने हमारे युवाओं को यह बर्बाद कर सकता है।

आरबीआई का क्या कहना है: केंद्रीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कड़ी आपत्ति जाहिर कर चुका है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियमन के दायरे में नहीं आती है। ऐसे में किसी वित्तीय प्रणाली के लिए ये बड़ा जोखिम है। इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत है।