नवाज शरीफ

पनामा गेट मामले में बुरी तरह फंसे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनके परिवार के लिए शुक्रवार का दिन निर्णायक होने जा रहा है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट उनके खिलाफ इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। शरीफ पर प्रधानमंत्री पद पर रहने के दौरान धनशोधन के जरिए लंदन में संपत्ति बनाने के आरोप हैं और इसका खुलासा पिछले साल पनामा पेपर लीक में हुआ था।

यदि शरीफ भ्रष्टाचार और काले धन को सफेद बनाने के मामले में दोषी ठहराए जाते हैं, तो उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए अयोग्य ठहराए जाने की आशंका है। वह पाकिस्तान के रिकार्ड तीन बार प्रधानमंत्री बने हैं। अदालत द्वारा देर शाम जारी पूरक कार्य सूची के मुताबिक इस मामले में फैसला सुबह 11:30 बजे सुनाया जाएगा।

इस बीच, गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान ने कहा कि वह पनामागेट मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और राजनीति छोड़ देंगे। उनकी इस घोषणा से उनके समर्थक और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन स्तब्ध है। उनके विरोधियों ने जिस तरह से उन्हें शरीफ से दूर रखा उस पर उन्होंने बेहद नाराजगी जताई है।

फैसला सुनाने की बात बहुत सारे लोगों के लिए हैरान करने वाली रही क्योंकि पहले कहा गया था कि अदालत की दो सप्ताह की कार्य सूची में पनामा मामला शामिल नहीं है। शरीफ के परिवार के विदेश में संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए संयुक्त जांच दल का गठन किया गया था और जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी थी।

रिपोर्ट में कहा गया था कि शरीफ और उनके बच्चों का रहन सहन उनके आय के ज्ञात स्रोत के अनुसार नहीं है। रिपोर्ट में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने का सुझाव दिया गया था।

भाई की होगी ताजपोशी!
यदि नवाज शरीफ कुर्सी छोड़नी पड़ी, तो उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ की प्रधानमंत्री पद पर ताजपोशी तय है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को यदि सुप्रीम कोर्ट संवेदनशील पनामा पेपर्स मामले में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अयोग्य ठहराता है, तो उनके छोटे भाई एवं पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शहबाज उनकी जगह ले सकते हैं।