जमानत

कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर सीबीआई अधिकारी समेत एक टीम लंदन पहुंच गई है। सीबीआई के डिप्टी डायरेक्टर राकेश अस्थाना सोमवार को लंदन के लिए रवाना हुए। उनके साथ ईडी के अधिकारी भी लंदन गए हैं। भारत सरकार की कोशिश है कि भगोड़ा घोषित किए गए विजय माल्या को जल्द से जल्द भारत वापस लाया जाए।

इस केस में विजय माल्या को पिछले महीने लंदन में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद उन्हें सशर्त जमानत मिल गई थी। माल्या को भारत की अपील पर स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। दोनों देशों के बीच माल्या को लेकर समझौता हुआ था।

माल्या को भारत वापस लाना चुनौती
विजय माल्या को भारत वापस लाना मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। भारत ने ब्रिटेन से माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर कूटनीतिक चैनल का भी इस्तेमाल किया है। अब ये मामला वहां की कोर्ट में है। हालांकि माल्या की गिरफ्तारी के बाद ब्रिटिश अदालतों में उनके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी सिलसिले में भारत से सीबीआई के वरिष्ठ अधिकारी के साथ एक टीम लंदन गई।

प्रत्यर्पण को चुनौती दे सकते हैं माल्या
विजय माल्या अपने प्रत्यर्पण को चुनौती दे सकते हैं। माल्या प्रत्यर्पण के आधार को राजनीति से प्रेरित करार दे बता सकते हैं और इसका विरोध कर सकते हैं। अपने प्रत्यर्पण को माल्या मानवाधिकार का उल्लंघन साबित करने की कोशिश कर सकते हैं।

ब्रिटेन के वकील जविंदरा नखवाल ने बताया था कि 17 मई को ये केस अदालत के पास आएगा। सुनवाई में जिला जज दोनों पक्षों से सबूत मांगने का आदेश दे सकते हैं। जिसके लिए सुनवाई की तारीख तय की जा सकती है।

क्या है मामला?
विजय माल्या पर 17 भारतीय बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है। कर्ज न लौटाने पर माल्या को भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है। माल्या 2016 से ब्रिटेन में हैं।