पंजाब में मंगलवार को सभी सरकारी दफ्तर बदले गए समय के अनुसार सुबह 7:30 बजे खुले। अगले ढाई महीनों के लिए दफ्तरों का समय सुबह 7:30 बजे से दोपहर दो बजे तक कर दिया गया है। इस तरह जहां मुलाजिमों का प्रतिदिन ड्यूटी का समय एक घंटे घटकर साढ़े घंटे रह गया है, वहीं सरकार ने इस ड्यूटी अवधि में कोई भी ब्रेकफास्ट या लंच ब्रेक की व्यवस्था नहीं की है। पुरानी व्यवस्था के तहत सुबह नौ से शाम पांच बजे की ड्यूटी में आधे घंटे का लंच ब्रेक होता था।

चंडीगढ़ स्थित पंजाब सिविल सचिवालय में मंगलवार सुबह बारिश के बीच कर्मचारी भाग-दौड़ में दिखाई दिए। सभी को समय पर ड्यूटी के लिए पहुंचने की जल्दी थी। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी पंजाब सिविल सचिवालय स्थित अपने कार्यालय में सुबह 7:28 बजे पहुंच गए। उनके सभी मंत्री भी तय समय पर सचिवालय स्थित अपने-अपने कार्यालय में दिखाई दिए। सचिवालय में 10 बजे कर्मचारी यह कहते सुनाई दिए कि लंच ब्रेक नहीं तो कम से कम ब्रेकफास्ट के लिए तो समय मिलना ही चाहिए।

लेकिन इससे पहले मंगलवार सुबह ज्यादा विवाहित महिला कर्मचारी काफी परेशान दिखाई दीं। कुछ महिलाएं तो अपने स्कूली बच्चों को साथ लेकर पहुंचीं और उन्हें सचिवालय में बने क्रेच में छोड़कर ड्यूटी पर गईं। बाद में उन्होंने ड्यूटी के बीच में बच्चों को स्कूल पहुंचाया। इन महिलाओं का कहना था कि जिस समय बच्चों को तैयार करके स्कूल छोड़ना होता है, अब उसी समय उन्हें ड्यूटी आना है। इससे उनके लिए नई समस्या खड़ी हो गई है। इसके अलावा, चंडीगढ़ से सटे पंजाब के कई जिलों से सचिवालय में ड्यूटी पर आने वाले मुलाजिम भी काफी परेशान रहे। मंगलवार को सुबह सचिवालय तक लाने-ले-जाने वाली बसें उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें अन्य साधनों से ड्यूटी पर आना पड़ा।

मुलाजिम संगठन ने समय बदलने पर जताया एतराज
सरकारी दफ्तरों के नए समय को राज्य सरकार ने सही ठहराया है। वहीं पंजाब सिविल सचिवालय के कर्मचारियों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इस पर एतराज जताया है। कमेटी के कन्वीनर सुखचैन सिंह खैरा ने कहा कि मुलाजिम सरकार के आदेश का पालन करेंगे और जिस समय भी उन्हें ड्यूटी पर बुलाया जाएगा, वह पहुंचेंगे लेकिन इससे कुछ हासिल होने वाला नहीं।

उन्होंने कहा कि सरकार का यह दावा कि इस फैसले से बिजली की बचत होगी, पूरी तरह गलत है। दफ्तर में 10 मुलाजिम एक एसी के नीचे बैठेंगे, लेकिन दोपहर दो बजे घर लौटने के बाद 10 मुलाजिम 10 एसी चलाएंगे। खैरा ने कहा कि सरकार के फैसले से सबसे ज्यादा मुश्किल महिला कर्मचारियों को हुई है, जिनके बच्चे बहुत छोटे हैं या निचली कक्षाओं में पढ़ते हैं। अब आफिस टाइम और बच्चों को स्कूल छोड़ने का समय एक समान हो गया है, महिला कर्मचारी क्या करें? नए टाइमटेबल से उन मुलाजिमों को भी परेशानी है, जो पंजाब के अन्य शहरों से चंडीगढ़ आते हैं। उन्हें दो से तीन घंटे पहले यानी सुबह 4-5 बजे ही घर से निकलना होगा।

कर्मचारियों को किसी तरह की समस्या नहीं आने दी जाएगी। नई व्यवस्था को मुलाजिमों से सलाह-मशविरे के बाद ही लागू किया गया है। महिला कर्मचारियों की दिक्कतों को भी हल किया जाएगा। कर्मचारियों को लाने-ले-जाने के लिए पहले से जारी बसों की व्यवस्था को नए समय के अनुसार करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। भगवंत मान, मुख्यमंत्री पंजाब।