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कोलकाता, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड सीआईएल के निदेशक मंडल ने बिजली और गैर- बिजली दोनों तरह के उपभोक्ताओं के लिये गैर- कोकिंग कोयले के दाम तुरंत प्रभाव से बढ़ाने को मंजूरी दे दी। कोल इंडिया सूत्रों के अनुसार यह वृद्धि औसतन 10 प्रतिशत के करीब हो सकती है।

कंपनी ने एक नियामकीय सूचना में यह जानकारी दी है। कंपनी ने कहा कि दाम में इस वृद्धि से चालू विा वर्ष की शेष अवधि में उसे 1,956 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। जबकि पूरे वर्ष के दौरान उसे 6,421 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

नियामकीय सूचना में कहा गया है कि गैर-कोकिंग कोयले की यह मूल्य वृद्धि कोल इंडिया की सभी अनुषंगियों में लागू होगी। इनमें एनईसी भी शामिल है। कंपनी ने कहा है कि उसकी यह मूल्य वृद्धि नियमित और गैर-नियमित दोनों तरह के क्षेत्रों के लिये होगी।

कोयला उत्पादन क्षेत्र की इस कंपनी ने कहा कि उसकी बढ़ती लागत को देखते हुये उसे दाम बढ़ाने पर मजबूर होना पड़ा। इसकी वजह से पिछली कुछ तिमाहियों के दौरान कंपनी का मुनाफा प्रभावित हो रहा था।

इस घोषणा के बाद कंपनी का शेयर मूल्य आज शुरुआती कारोबार में करीब 4 प्रतिशत चढ़कर 298.40 रुपये पर पहुंच गया।

इससे पहले कंपनी ने मई 2016 में दाम बढ़ाये थे। तब कंपनी ने औसतन 6.3 प्रतिशत तक दाम बढ़ाये थे जिससे 2016-17 में उसे 3,234 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ था।

कोल इंडिया ने इससे पहले कोयले की निकासी के लिये भी 50 रुपये प्रति टन का शुल्क लगाया था। इससे कंपनी को हर साल 2,500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। कोयला निकासी शुल्क से चालू विा वर्ष की शेष अवधि के दौरान कंपनी को 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा।

कोल इंडिया कर्मचारियों के वेतन संशोधन से कंपनी पर 5,600 करोड़ रुपये का सालाना बोझा बढ़ गया था।