नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2021

एक तरफ भारत में कोरोना के मामले (Corona Cases in India) रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं वहीं दूसरी ओर इससे निपटने के लिए एक से एक प्रयास भी किए जा रहे हैं. कोरोना की इस जंग में वैक्‍सीन (Vaccine) बनाने, मास्‍क और पीपीई किट (PPE Kit) के निर्यात के साथ ही एक और उपलब्धि भारत के नाम दर्ज हो गई है. देश में दुनिया की सबसे आरामदायक पीपीई किट ‘ग्‍लोएयर’  बनाई गई है. लिहाजा यहां के कोरोना वॉरियर्स (Corona Warriors) को अब मरीजों के इलाज के दौरान और पसीना नहीं बहाना होगा.

पिछले साल से फैले कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के दौरान मरीजों (Patients) को इलाज करने वाले डॉक्‍टरों और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों (Healthcare Workers) को सुरक्षा कवच के रूप में पीपीई किट पहनाई गई थी. हालांकि इस दौरान कुछ ऐसे मामले सामने आए जब पीपीई (PPE) ही कोरोना वॉरियर्स के लिए मुसीबत बन गई. इसकी वजह इसके अंदर हवा का न जाना, पसीने से भीगे रहना और आखिर में घबराहट और बेचेनी पैदा हो जाना था लेकिन मैसूर स्थित एक कंपनी ने अब इसका तोड़ निकाल लिया है.

कोरोना वॉरियर्स और डॉक्‍टरों (Doctors) की समस्‍याओं को देखने के बाद मैसूर की ग्‍लोट्रोनिक्‍स नाम की कंपनी ने ऐसी पीपीई किट बनाई है जो साफ़ हवा को पूरे शरीर तक पहुंचाने में सक्षम है. इसे पहनने के बाद लोगों को पसीने की समस्या नहीं आएगी और वो अपने शरीर को ताजा रख सकेंगे. कंपनी के डायरेक्टर जगन गुप्ता ने दावा किया है कि इस खोज की वजह से अब डॉक्टर्स और कोविड वारियर्स पहले के मुकाबले साधारण पीपीई किट की वजह से आने वाली किसी भी समस्या (सांस लेने में कठिनाई और पसीना) से निजात मिलेगी. साथ ही वे लंबे समय तक काम कर सकेंगे.

ऐसे आया यह पीपीई किट बनाने का आईडिया

गुप्ता बताते हैं, ‘हम लगातार उन डॉक्टर्स के संपर्क में थे जो कोविड के मरीजों का इलाज कर रहे थे. सभी ने हमें पीपीई किट संबंधी उन समस्याओं के बारे में बताया जिसके अनुसार लम्बे समय तक ताज़ी हवा की कमी के वजह से उन्हें थकान और ऊर्जा की कमी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. जिसको समझते हुए हमने ऐसे पीपीई किट के निर्माण का काम जारी रखा जिसमें ताज़ी और स्वच्छ हवा पूरे शरीर में आसानी से पहुंच सके.

100 घंटे तक हो सकती है इस्‍तेमाल

वे बताते हैं कि, इस किट में 99.99 प्रतिशत तक वायरस के संक्रमण को रोकने की क्षमता है इस वजह से यह किट ज्यादातर हवा से पैदा होने वाले संक्रमण को ख़त्म करता है.  इसका इस्तेमाल 100 घंटों तक किया जा सकता है. ग्लोएयर किट एयर ब्लोअर, एयर फ़िल्टर, मोटर, पावर बैंक, चार्जर, कमर का बेल्ट और उपयोगकर्ता पुस्तिका से लैस है.  इसके आरामदायक और कम वजन की खूबी की वजह से इसे पहनने या उतारने में किसी भी बाहरी मदद की जरुरत नहीं पड़ती है. साथ ही इसे पहनने वाला व्‍यक्ति बेहद आराम से सांस ले सकता है.

ऐसे करती है यह किट काम

ग्लोएयर पीपीई किट में एक नली है जो कि किट के एयर सप्लाई मॉडल के एयर आउटलेट से जुड़ी है. किट में हवा के प्रवाह को शुरू करने के लिए एयर सप्लाय मॉडल से जुड़ी यूएसबी को पावर बैंक से जोड़ना होता है जो किट में मौजूद ब्लोअर पम्प के मोटर को चालू कर देता है. इसकी वजह से पीपीई किट में नली के जरिये पूरे शरीर को हवा मिलने लगती है. हवा के प्रवाह को ‘फ्लो कण्ट्रोल नॉब’ से घटाया और बढ़ाया भी जा सकता है. साधारण परिस्थितियों में किट में मौजूद पावर बैंक आठ घंटे तक किट में हवा का प्रवाह बनाये रखने में सक्षम है.

चश्‍मे पर नहीं बनेगी भाप

किट पहनने के बाद अभी तक एक और समस्या थी जो कोरोना वॉरियर्स को परेशान कर रही थी. वह यह थी कि सांस लेने की वजह से आँखों के चश्मे पर भाप बन जाती थी. इससे उन्हें देखने में समस्या आती थी. लेकिन ‘ग्लोएयर’ किट में यह हिस्सा अन्य के मुकाबले ज्यादा बड़े रूप में बनाया गया है जिसमें लगातार हवा के प्रसार की वजह से किसी भी तरह के भाप की समस्या नहीं होती.

कम दामों में भारत में बड़े पैमाने पर उपलब्‍ध होगी यह किट

जगन गुप्‍ता बताते हैं कि उनकी कंपनी इस पीपीई किट को भारतीय बाजार में बड़े पैमाने पर उपलब्ध कराने की योजना बना रही है. इसके लिए डॉक्‍टरों से संपर्क भी किया गया है. काफी लोगों की तरफ से इसे सराहा गया है और एक बेहतरीन पहल बताया गया है. कंपनी का लक्ष्‍य कोरोना की जंग में जुटे डॉक्‍टरों और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मचारियों को भी सुरक्षित करना है. ताकि कोरोना से जूझ रहे मरीजों को और भी बेहतर इलाज मिल सके. हमने जानबूझकर ग्लोएयर का दाम कम रखा है ताकि इसका उपयोग बड़े पैमाने पर किया जा सके.