सचिवों

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने राज्य के सभी 11 संसदीय सचिवों की पावर को छीन लिया है। अब मंत्रियों की तरह वेतन भत्ते और गाडी और सुविधाएं नहीं मिलेंगी।

साथ ही कोर्ट ने मंत्री की तर्ज पर कार्य करने में रोक लगा दी है। हालांकि ये आखिरी फैसला नहीं है। इस मामले में पूरा फैसला सुनाने के लिए हाईकोर्ट ने 23 अगस्त की तारीख तय की है।

इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा है कि वे न्यायालय के आदेश का पालन करेंगे। हाई कोर्ट ने विधान सभा में संसदीय सचिवों के दायित्वो पर कोई रोक नहीं लगाईं है। संसदीय सचिव हॉउस के अंदर जो उनका दायित्व है उसका निर्वाहन करेंगे।

राज्य में विधान सभा की कुल 90 सीट है। इस तरह से मंत्री मंडल में 13 सदस्यों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। लेकिन छत्तीसगढ़ में 11 संसदीय सचिव लगभग 2 साल से काम कर रहे है। जबकि राज्य की विधान सभा की सदस्यों में से 15 फीसदी सदस्य ही मंत्री मंडल में शामिल हो सकते है। इसमें मुख्यमंत्री भी शामिल है।