उत्तराखंड में साल 2024 में होने जा रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के लिए राज्य को केंद्र सरकार से 500 करोड़ की उम्मीद थी, लेकिन केंद्र से मात्र 100 करोड़ मिले हैं। खेल विभाग का कहना है कि केंद्र से और मदद मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं, यदि मदद न मिली तो राज्य सरकार अपने संसाधनों से राष्ट्रीय खेल कराने के लिए तैयार है। इसके लिए अधिकतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया गया है। जो काम अधूरे हैं वे इसी साल अक्तूबर से पहले पूरे कर लिए जाएंगे।

प्रदेश में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में खिलाड़ियों के साथ ही 18000 लोगों के प्रतिभाग का अनुमान है। राष्ट्रीय खेलों के खिलाड़ियों एवं अन्य टीम ऑफिशियल्यस की आवासीय व्यवस्था के लिए देहरादून और हल्द्वानी में दो खेल गांव विकसित किए जाने हैं।

इसके अलावा खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए देहरादून और हल्द्वानी दो मुख्य स्थलों के साथ ही हरिद्वार, ऋषिकेश, गूलरभोज, रुद्रपुर, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में प्रतियोगिताएं आयोजित की जानी हैं। खेलों के आयोजन के लिए 249.97 करोड़ और अवस्थापना विकास कार्यों के लिए 719.44 करोड़ के खर्च का अनुमान है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से केंद्र सरकार से पहली किश्त के रूप में 500 करोड़ की मांग की गई थी, लेकिन राज्य को फिलहाल केंद्र सरकार से 100 करोड़ मिल पाए हैं।

विभाग के निदेशक जितेंद्र सोनकर के मुताबिक खेल विभाग 2024 में राष्ट्रीय खेल कराने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राष्ट्रीय खेल पहले आवंटित हो गए थे, लेकिन किसी वजह से यह नहीं हो पाए। खेलों के लिए अधिकतर आधारभूत संरचना तैयार है। जो काम नहीं हो पाए हैं, उन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

भारतीय ओलंपिक संघ से 34 खेल हैं प्रस्तावित
राष्ट्रीय खेलों में भारतीय ओलंपिक संघ से 34 खेल प्रस्तावित हैं। इनमें आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, लॉन बाउलिंग, बाक्सिंग, साइकिलिंग, इक्वीस्टिरियन, फुटबॉल, फैंसिंग, गोल्फ, जिम्नास्टिक, हैण्डबॉल, हॉकी, जूड़ो, क्याकिंग एवं कैनोइंग, नेटबॉल, कबड्डी, खो-खो, शूटिंग, रग्बी, मॉडर्न पैथालॉन, रोईंग, एक्वाटिक्स, स्कवैश, टेबल-टेनिस, ताइक्वांडो, सेलिंग, टेनिस, ट्राईथलॉन, वॉलीबॉल, वेटलिफि्टंग, रेसलिंग, वुशु शामिल है।

समय कम है पर न टीम बनी न प्रशिक्षण शिविर हुए शुरू
राष्ट्रीय खेलों के लिए कम समय बचा है, लेकिन अब तक यह तय नहीं है कि इसमें हमारी कौन-कौन सी टीमें खेलेंगी। इसके लिए प्रशिक्षण शिविर भी शुरू नहीं हुए। स्पोर्ट्स कॉलेज में जो मल्टीपर्पज हॉल बने हैं। उसमें दर्शक दीर्घा नहीं है। एथलेटिक्स ट्रेक खराब होने लगा है। राष्ट्रीय खेलों के लिए टीम तैयार तो दूर इसके लिए अभी बैठक तक नहीं हुई। राष्ट्रीय खेलों के लिए कम से कम 8 मल्टीपर्पज हॉल की जरूरत है।