यदि आप भी पतंजलि हरिद्वार में उपचार करवाने के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा रहे हैं तो अधिकृत वेबसाइट और सही नंबरों की जानकारी जरूर ले लें। ऑनलाइन वेबसाइट और नंबर सर्च करने लगे तो साइबर ठगों के जाल में फंसकर रकम गंवा सकते हैं। साइबर ठगों ने पतंजलि के नाम पर कई फर्जी वेबसाइट बनाई हैं।

झारखंड के जामताड़ा और राजस्थान के भरतपुर से शातिर फर्जी वेबसाइट का संचालन करते हैं। ठगी की शिकायतों से बुकिंग कराने वाले ही नहीं, बल्कि पतंजलि प्रबंधन भी परेशान है। पतंजलि के नाम पर ठगी रोकने को हरिद्वार साइबर क्राइम सेल और एसओजी की टीम पड़ताल कर रही हैं। हालांकि, अभी तक टीमों के हाथ साइबर ठगों का कोई पुख्ता सबूत नहीं लगा है।

पतंजलि हरिद्वार में देश ही नहीं विदेशों से लोग नेचुरोपैथी इलाज करवाने के लिए आते हैं। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पड़ती है। बुकिंग के लिए महीनों तक वेटिंग रहती है। साइबर ठग इसका फायदा उठाते हैं। ठगों ने पतंजलि के नाम से मिलती-जुलती फर्जी साइट बनाई हैं। आम आदमी असली और नकली साइट की पहचान नहीं कर पाता और साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवा देता है।

एसएसपी ने की योगगुरु बाबा रामदेव से मुलाकात
उसे ठगी का अहसास तब होता है, जब वह हरिद्वार पतंजलि पहुंचता है। उसे बताया जाता है कि उसके नाम से कोई बुकिंग नहीं है। जब पीड़ित बुकिंग और एडवांस जमा की रशीद दिखाता है तो पता चलता है कि उसने साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवाई है। एसएसपी अजय सिंह ने इसी माह योगगुरु स्वामी बाबा रामदेव से मुलाकात की।

पतंजलि के नाम से मिलते-जुलते फर्जी साइटों से साइबर ठगी की शिकायतों पर भी चर्चा हुई। एसएसपी ने ठगी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही थी। एसएसपी ने साइबर क्राइम सेल और सीआईयू को साइबर ठगों की कुंडली खंगालने के निर्देश दिए थे। साइबर ठगों का नेटवर्क झारखंड और राजस्थान से जुड़ा है। हालांकि, इस मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं।

फर्जी चिकित्सक को किया था गिरफ्तार

पतंजलि में इलाज करवाने के नाम पर लोगों को ठगने की नीयत से घूमते वाले एक फर्जी चिकित्सक को हुए फरवरी में गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, बीते पांच महीने से पतंजलि के नाम पर ठगी के संबंध में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, जबकि यूपी, दिल्ली में इस तरह के मामले सामने आए हैं।

ऐसे फंसते हैं साइबर ठगों के जाल में

ऑनलाइन सर्च होने वाली वेबसाइटों पर साइबर ठगों की पैनी निगाह रहती है। साइबर ठग अधिक सर्च होने वाले वेबसाइट के नामों से मिलती जुलती साइट बना लेते हैं। फर्जी साइड सर्च होने वाली लिस्टों में पहले आ जाती है। कई बार साइबर ठग सर्च करने वालों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिंक भेजा जाता है। अपॉइंटमेंट बुकिंग, एंट्री फीस, रूम बुकिंग समेत अन्य कई शुल्क के नाम पर लोगों से रुपये मंगवाते हैं। बाद में नंबर बंद हो जाते हैं। बाद में लोगों को ठगी का पता चलता है। बड़े नेताओं से लेकर कई कारोबारी ठगों के जाल में फंस चुके हैं।

पतंजलि योगपीठ (वैलनेस ट्रीटमेंट) की अधिकृत वेबसाइट और नंबर

पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट www.patanjaliwellness.com और 8954666111

www.yoggram.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66222

www.niramayam.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66333

पतंजलि हरिद्वार में देश ही नहीं विदेशों से लोग नेचुरोपैथी इलाज करवाने के लिए आते हैं। इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग करने पड़ती है। बुकिंग के लिए महीनों तक वेटिंग रहती है। साइबर ठग इसका फायदा उठाते हैं। ठगों ने पतंजलि के नाम से मिलती-जुलती फर्जी साइट बनाई हैं। आम आदमी असली और नकली साइट की पहचान नहीं कर पाता और साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवा देता है।

एसएसपी ने की योगगुरु बाबा रामदेव से मुलाकात
उसे ठगी का अहसास तब होता है, जब वह हरिद्वार पतंजलि पहुंचता है। उसे बताया जाता है कि उसके नाम से कोई बुकिंग नहीं है। जब पीड़ित बुकिंग और एडवांस जमा की रशीद दिखाता है तो पता चलता है कि उसने साइबर ठगों के झांसे में फंसकर रकम गंवाई है। एसएसपी अजय सिंह ने इसी माह योगगुरु स्वामी बाबा रामदेव से मुलाकात की।

पतंजलि के नाम से मिलते-जुलते फर्जी साइटों से साइबर ठगी की शिकायतों पर भी चर्चा हुई। एसएसपी ने ठगी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही थी। एसएसपी ने साइबर क्राइम सेल और सीआईयू को साइबर ठगों की कुंडली खंगालने के निर्देश दिए थे। साइबर ठगों का नेटवर्क झारखंड और राजस्थान से जुड़ा है। हालांकि, इस मामले में पुलिस के हाथ अभी खाली हैं।

फर्जी चिकित्सक को किया था गिरफ्तार

पतंजलि में इलाज करवाने के नाम पर लोगों को ठगने की नीयत से घूमते वाले एक फर्जी चिकित्सक को हुए फरवरी में गिरफ्तार किया था। पुलिस के मुताबिक, बीते पांच महीने से पतंजलि के नाम पर ठगी के संबंध में कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है, जबकि यूपी, दिल्ली में इस तरह के मामले सामने आए हैं।

ऐसे फंसते हैं साइबर ठगों के जाल में

ऑनलाइन सर्च होने वाली वेबसाइटों पर साइबर ठगों की पैनी निगाह रहती है। साइबर ठग अधिक सर्च होने वाले वेबसाइट के नामों से मिलती जुलती साइट बना लेते हैं। फर्जी साइड सर्च होने वाली लिस्टों में पहले आ जाती है। कई बार साइबर ठग सर्च करने वालों के मोबाइल पर मैसेज भेजते हैं, जिसमें लिंक भेजा जाता है। अपॉइंटमेंट बुकिंग, एंट्री फीस, रूम बुकिंग समेत अन्य कई शुल्क के नाम पर लोगों से रुपये मंगवाते हैं। बाद में नंबर बंद हो जाते हैं। बाद में लोगों को ठगी का पता चलता है। बड़े नेताओं से लेकर कई कारोबारी ठगों के जाल में फंस चुके हैं।

पतंजलि योगपीठ (वैलनेस ट्रीटमेंट) की अधिकृत वेबसाइट और नंबर

पतंजलि की अधिकृत वेबसाइट www.patanjaliwellness.com और 8954666111

www.yoggram.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66222

www.niramayam.divyayoga.com एवं मोबाइल नंबर 89546 66333

पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साइबर क्राइम सेल सहित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही साइबर ठगों तक पुलिस पहुंच जाएगी।

पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। साइबर क्राइम सेल सहित संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही साइबर ठगों तक पुलिस पहुंच जाएगी।