नई दिल्ली, 11 मई 2021

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोरोना मरीजों स्वास्थ्य सुविधाओं में अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है। कुछ अस्पतालों में आज भी बेड, ऑक्सीजन और दवाओं की कमी को लेकर मरीजों के परिजनों को अधिकारियों और हॉस्पिटल्स का चक्कर काटना पड़ रहा है। इस बीच मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को आदेश दिया कि वह राजधानी में कोविड मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए कुल मेडिकल बेड्स की संख्या का खुलासा करें।

मालूम हो कि दिल्ली हाई कोर्ट में पिछले कई दिनों से कोरोना से निपटने को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार की नाकामियों पर सुनवाई चल रही है। इसी क्रम में मंगलवार को भी हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से कोरोना तैयारियों को लेकर जवाब मांगा है। कोर्ट ने केंद्र से कहा कि दिल्ली के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोरोना मरीजों के लिए रिजर्व रखे गए कुल बिस्तरों की संख्या बताएं साथ ही कोविड मरीजों को बेड्स उपलब्ध कराने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं उसकी भी जानकारी दें। कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 13 मई तक का समय दिया है।

आपको बता दें कि जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की खंडपीठ ने केंद्र सरकार को यह आदेश केरजीवाल सरकार के उस दावे के बाद दिया है जिसमें न्यायालय को बताया गया था कि केंद्र ने कोविड रोगियों के लिए बिस्तरों की संख्या 4,091 से घटाकर 3,861 कर दी है। दिल्ली सरकार ने पिछले महीने हाई कोर्ट को बताया था कि पिछले वर्ष कोरोना की पहली लहर में केंद्र द्वारा दिल्ली को 4,112 बेड उपलब्ध करवाए थे, लेकिन अब जब कोरोना केस फिर बढ़ रहे हैं तो कोविड रोगियों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या को कम कर दिया गया है।