गर्मी में खानपान का खास ख्याल न सिर्फ आपके शरीर के लिए बेहतर है, बल्कि आपको डॉक्टर के पास जाने से बचा सकता है। सभी जानते हैं कि गर्मी में प्यास ज्यादा लगती है और इसके लिए हम पानी से लेकर जूस, शरबत आदि का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। ऐसे में सत्तू आपके लिए एक विकल्प हो सकता है। काले चनों से बना सत्तू सबसे ज्यादा शरबत के तौर पर इस्तेमाल होता है। खासकर बिहार, बंगाल और उत्तर प्रदेश में रहने वाले परिवार इसका खूब इस्तेमाल करते हैं। सत्तू को और प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें ज्वार और बाजरे का आटा भी मिलाया जाता है।

श्रमिकों की पहली पसंद है सत्तू-
दिनभर से काम कर रहे मजदूरों के लिए सत्तू से ज्यादा बेहतर और क्या हो सकता है। जहां एक ओर खाने में स्वाद लाता, वहीं दूसरी ओर सत्तू में बहुत ज्यादा प्रोटीन होता है जो स्वास्थ के लिए काफी लाभदायक है। यह सस्ता भी है और आसानी से मिल भी जाता है।

सत्तू और भूनने का महत्व-
सत्तू का आटा भूने हुए चने से तैयार किया जाता है। इसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि इससे सत्तू का प्रोटीन खत्म नहीं होता है और सत्तू शरीर को पानी से भी ज्यादा ठंडक पहुंचाता है। फिटनेस फ्रिक सत्तू की बनी ड्रिंक पीना ना भूलें। यह शरीर को पानी से भी ज्यादा ठंडक पहुंचाता है। इसके साथ ही प्रोटीन भी देता है। इसका फायदा सबसे ज्यादा वर्कआउट के बाद होता है।

सत्तू से बनने वाले व्यंजन-
सत्तू शरबत ही नहीं, बल्कि कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में भी काम आता है। बिहार-पूर्वांचल में सबसे लज़ीज लिट्टी में भी सत्तू भरा जाता है। सत्तू के पराठे भी ठीक उसी तरह बनते हैं जैसे हम आलू के पराठे बनाते हैं। सत्तू से भरी हुई पूड़ियां भी बनती हैं। सत्तू में पहले लहसून, प्याज, हींग, जीरे आदि को मिला दिया जाता है, फिर उसे पूड़ी में भर दिया जाता है। उसके बाद पूड़ी बना दी जाती है।

बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद-
सत्तू बढ़ती उम्र के बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है। यदि सत्तू के बने आटे का स्वाद दुगना करना हो, तो गुड़ का इस्तेमाल करें। जैसा हम जानते हैं सत्तू से शरीर को प्रोटीन, विटामिन ए, कार्बोहाईड्रेट्स, मिनरल मिलता है, इसलिए आटे में भी थोड़ी मात्रा में सत्तू का उपयोग किया जा सकता हैं।

सत्तू डायबटीज़ के मरीज़ों के लिए लाभदायक होता है क्योंकि सत्तू में अच्छी मात्रा में आयरन, मैगनीज़, मैग्नीशियम, कम ग्लाइसेमिक और सोडियम होता है, इसलिए जानकारों की माने तो डायबटीज के मरीजों के लिए ये फायदेमंद साबित होता है।

जब नुकसान पहुंचा सकता है सत्तू-
रात में सत्तू से बने व्यंजन खाने से परहेज करना चाहिए। जब भी सत्तू का शरबत पिएं तो उसे पतला रखें, ताकि ये आसानी से पच जाए। खाली पेट सत्तू शरीर के लिए सबसे लाभदायक होता है। लोग सत्तू को दूध में मिलाकर पीने से भी मना करते हैं।