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मुंबई : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को कल सीबीआई कोर्ट ने साध्वी के बलात्कार और हत्याओं के मामले में दोषी करार कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद ही अय्याश बाबा के बिगड़ैल भक्तों ने हरियाणा समेत कई राज्यों में हिंसा का तांडव मचाना शुरू कर दिया था। सरकारी दफ्तरों को ,ट्रेनों-बसों को और तो और पुलिस और मीडिया तक की गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। कल शुरू हुई हिंसा ने इतना उग्र रूप इख्तियार कर लिया कि अब तक 31 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी और करोड़ों की सम्पति नष्ट हो गयी।पर सरकार सिर्फ मूकदर्शक बनी रही। जैसे कि वो कोई फिल्म देख रही हो। सरकारी अफसरों के लाख हिदायत देने के बाद भी हरियाणा की सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाये। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने इतने भारी तनाव के चलते भी गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया। जिसका परिणाम हरियाणा समेत कई राज्यों को भुगतना पड़ा। हद तो तब हो गयी जब खटटर को ये तक नहीं पता कि उनके कुछ ना करने की वजह से उनके राज्य में कुल कितनी जानें चली गयी और कितना नुकसान हुआ है।punjabआला अधिकारियों ने सरकार को एक पत्र के ज़रिये आगाह किया था कि फैसले से पहले ही सिरसा में बाबा के भक्तों ने पेट्रोल डीज़ल और हथियार की भारी खपत अपने पास जमा कर ली थी और उन्हें पुलिस की 20 और टीमों की ज़रूरत है पर सरकार ने उस पत्र को नज़रअंदाज करते हुए पूरे हरियाणा को आग में झोंक दिया। सैकड़ों लोग घायल हुए ,लाखों करोड़ों की संपत्ति जल कर ख़ाक हो गयी ,खटटर के कुछ ना करने से 31 से भी ज्यादा लोग अपनी जान गवां बैठे। पर कुर्सी की चाह में और अपने वोट बैंक को बचाने के लिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर ने पूरा हरियाणा जलने दिया।कल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर के अपनाये लापरवाह और स्वार्थी रवैया पूरी तरह से अनिल कपूर की हिट फिल्म ”नायक” के एक दृश्य में ‘अमरीश पुरी” के किरदार से प्रेरित था। उस फिल्म में अमरीश पुरी एक भ्रष्ट्र मुख्यमंत्री के किरदार में थे जिसने अपना वोट बैंक बचाने के लिए पूरे महाराष्ट्र को दंगे की आग में झोंक दिया था। उस फिल्म में अनिल कपूर ने एक मीडिया रिपोर्टर का किरदार निभाया था और जिसने अमरीश पुरी का अपने शो में पर्दाफाश किया था।पर अमूमन ऐसा देखा जाता है कि रील लाइफ रियल लाइफ से प्रेरित होती है पर ऐसा बहुत कम बार संभव हो पाता है जब रियल लाइफ रील लाइफ से प्रेरित हो जाए।

कल के इस काण्ड में कितने लोग दोषी साबित होंगे और कितनों को सजा मिलेगी फिलहाल के लिए कहना तो थोड़ा मुश्किल होगा पर इसमें कोई संदेह नहीं है कि आजकल के राजनेता अपना वोट बैंक बचाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकते हैं।