नई दिल्ली, पिछले हफ्ते  200 से भी ज्यादा उत्पादों का टैक्स रेट कम करने के बाद अब GSTपरिषद जीएसटी में नये बदलाव करने की तैयारी कर रही है.उम्मीद की जा रही है कि in बदलावों से आम आदमी को थोड़ी और राहत मिल सकती है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए हैं कि जीएसटी टैक्स स्लैब की संख्या घटाई जा सकती है.

आपको बता दें कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने जीएसटी में सभी वस्तुओं को एक ही टैक्स स्लैब में रखने की मांग की थी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनकी ये मांग सिरे से खारिज कर दी. हालांकि उन्होंने संकेत दिए कि जीएसटी के मौजूदा टैक्स स्लैब की संख्या घटाई जा सकती है.

स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पादों को खाद्य उत्पादों के साथ रखना उचित नहीं 

राहुल गांधी की मांग पर उन्होंने कहा कि जो ऐसी मांग कर रहे हैं, उन्हें जीएसटी की समझ नहीं है. उन्होंने कहा कि हम सभी चीजों को एक रेट में नहीं रख सकते. जरूरी खाद्य पदार्थों को और पान,तंबाकू जैसी चीजों को हम एक साथ एक ही टैक्स स्लैब में नहीं रख सकते. खाद्य पदार्थ पर जीरो जीएसटी होना चाहिए , क्योंकि ये अहम जरूरत है. इसके अलावा रोजमर्रा की जरूरत के सामान को 5 फीसदी जीएसटी टैक्स स्लैब में ही रखा जाना चाहिए.

जेटली ने कहा कि ऐसे उत्पाद जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं या फिर जिनसे पर्यावरण को खतरा है. ऐसे उत्पादों को आम आदमी की जरूरतों के उत्पाद के साथ नहीं रखा जा सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी के लागू होने के चार महीने के भीतर हमने 28 फीसदी टैक्स स्लैब में काफी बदलाव किए हैं. अब  अन्य टैक्स स्लैब में किसी तरह  का बदलाव सरकार को मिलने वाले राजस्व पर करेगा.

इसके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को जीएसटी रेट घटाए जाने के फैसले को राजनीति से जोड़ने को लेकर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि जीएसटी को लेकर जो भी फैसला लिया जाता है, वह सबकी सर्वसम्मति से होता है. ऐसे में इसे राजनीति से जोड़ना गलत है.  उन्होंने कहा कि जीएसटी रेट में इस बदलाव की कवायद पिछले तीन से चार महीने से चल रही थी. उन्होंने इसे बचकानी राजनीति करार दिया.