papaya

गुणों की खान कहा जाने वाला पपीता आपके पेट के साथ आपकी त्‍वचा की खूबसूरती बढ़ने में भी आपकी मदद करता है। पपीता सालभर मिलने वाला एक गुणों से भरपूर फल हैं। यह एक ऐसा फल जिसमें विटामिन सी, ए, पोटेशियम और कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है इसके साथ ही स्वास्थ्य के लिए कई हितकारी गुण निहित होते हैं। पपीता कच्चा हो या पका, इसे खाया जा सकता हैं। यह पेट की कई समस्यायों को खत्म करता है, बहुत से लोग इसे खाली पेट ही खाते हैं। कुछ लोग अपने शरीर को डिटॉक्स करने के लिए इसे सलाद के रूप में अपने आहार में शामिल करते हैं। यह शरीर के वजन को भी कम करता हैं क्योंकि इसमें एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल जैसे कई चिकित्सिय गुण होते हैं। मगर यह कुछ लोगों के लिए यह फायदेमंद है तो वहीं कुछ लोगों के लिए हानिकारक भी है। आइए इस लेख के माध्‍यम से विस्‍तार से जानते हैं।

Benefits of Papaya, Loss of eating Papaya, Health news

 

फूड पाइप पर दुष्प्रभाव

हम सभी पपीते को एक अच्छे फल के रूप में जानते हैं लेकिन इस फल का अत्यधिक सेवन हमारे फूड पाइप पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता हैं। हम जो खाना खाते हैं वह इसी फूड पाइप के जरिए मुँह से पेट तक पहुँचता हैं इसलिए इस फल को हमेशा कम मात्रा में ही खाना चाहिए।

एलर्जी का कारण बन सकता है

कच्चे पपीते में पाएं जाने वाला लेटेक्स एलर्जी का कारण बन सकता हैं इसलिए जब आप अगली बार इस फल को कच्चा ही खाने की सोचें सावधानी बरतें।

गर्भपात

इस फल के कई अद्भुत लाभ हैं लेकिन इसके बीज और जड़ गर्भपात की संभावना को बढ़ा सकते हैं। खासकर यह फल कच्चा हो इसलिए गर्भवती महिलाओं को इस फल को खाने से बचने का सुझाव हैं।

प्रजनन क्षमता पर असर

ऐसा कहा जाता हैं कि पपीते के बीजों से पुरुषों की प्रजनन क्षमता कम हो सकती है। इससे शुक्राणुओं की क्षमता एवं उसकी गतिशीलता प्रभावित होती हैं।

ब्लड शुगर में गिरावट

यदि आप ब्लड प्रैशर से पीड़ित हैं और इसके लिए दवाएं ले रहें हैं तो इस फल को खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को कम करता हैं। यह आपके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता हैं।

यह विषाक्त हो सकता हैं

इसका अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता हैं क्योंकि इसमें अति संवेदनशील बेंजीन आइसोथियोसाइनेट जैसे विषाक्त तत्व पाएं जाते हैं।

बच्चों में दोष हो सकता हैं

पपीता की पत्तियों में यौगिग पेपैन होते हैं जो शिशुओं में जन्म दोष पैदा कर सकते हैं इसलिए गर्भवस्था से पहले और बाद कुछ समय तक इस फल से बचने का सुझाव दिया जाता हैं।