glowing skin

अब सौंदर्य प्रसाधनों की टेस्टिंग के लिए जानवरों की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वैज्ञानिकों ने ऐसी इलेक्ट्रोनिक स्किन तैयार कर ली है जिस पर प्रोडक्ट टेस्टिंग आसानी से की जा सकती है।

आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सौंदर्य प्रसाधनों की टेस्टिंग जानवरों पर करने के लिए रोक लगा दी थी। इस कारण उत्पादों के परीक्षण में काफी दिक्कत आ रही थी। इस परेशानी से निजात पाने के लिए वैज्ञानिकों ने ई-स्किन को इज़ाद किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सीएसआईआर की प्रयोगशाला इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड के वरिष्ठ वैज्ञानिक अनुराग अग्रवाल ने कहा, ‘ई स्किन तैयार है।
साथ ही हम क्लिनिकल ट्रायल करने वाली एजेंसियों को लाइसेंस देने जा रहे हैं। इस स्किन के जरिए परीक्षण में आने वाले पशुओं की जरूरत खत्म हो जाएगी।
साथ ही परीक्षण में लगने वाले समय में भी कमी आएगी।’

दवा एंव सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम के अनुसार परीक्षण सीधे मनुष्यों पर नहीं किया जा सकता है।

दरअसल ई स्किन एक कंप्यूटर सॉफ्टवेयर है जिसमें स्किन में पाए जानें वाले सभी तत्वों का ब्यौरा मौजूद है। इसमें पहले हुए सभी परीक्षणों का ब्यौरा भी मौजूद होगा। किस स्किन में कौनसा केमिकल डालने से क्या रिएक्शन होगा , इन सब का ब्यौरा इस सॉफ्टवेयर में मौजूद है। इससे कौन से केमिकल से स्किन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, आसानी से पता चल जाएगा।