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नई दिल्ली : दुनिया की महिलाओं के बीच इस समय वर्जिन माँ बनने का ट्रेंड काफी चल रहा है और धीरे-धीरे ये प्रचलन भारत में भी अपने पैर पसारने लगा है।ivf

आपमें से बहुत लोग जो नहीं जानते होंगे कि आखिर वर्जिन बर्थ क्या है तो आपकी जानकारी के लिए हम बता दें कि ”जब महिलाएं किसी पुरुष के साथ संबंध बनाये बिना अगर बच्चे को जन्म देती है तो इस प्रक्रिया को मेडिकल साइंस में ‘वर्जिन बर्थ’ कहा जाता है।”

आइविअफ़ प्रक्रिया से माँ बनना पसंद कर रही हैं महिलाएं ivf

आज कल के बिजी लाइफ में आपको ताज्जुब होगा कि बहुत सी महिलाएं आईवीएफ़ प्रक्रिया(इन-विट्रो-फर्टिलाइजेशन) के ज़रिये माँ बनना पसंद कर रही हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत माँ बनने की इच्छुक महिलाओं के अंडेदानी से अंडे निकालने के बाद सभी अण्डों में स्पर्म डालकर अम्ब्र्यो बनाया जाता है। इन अम्ब्र्योज को 3-5 दिन तक परखनली में बड़ा कर फिर इन्हें महिलाओं की कोख दोबारा स्थापित में किया जाता है।इसके बाद ठीक 9 महीने का प्रेग्नेंसी पीरियड पूरा करने के बाद माँ एक पूरी तरह से स्वस्थ बच्चे को जन्म देती हैं।

सेक्स से नहीं परेशानी बस …..not intrested in sex

अभी हाल ही में अमेरिका का एक मामला सामने आया। जहां कुल 25 लड़कियों में ये पाया कि वो हेट्रोसेक्सुअल हैं और आईवीएफ प्रक्रिया के तहत माँ बनना पसंद कर रही हैं। उन महिलाओं ने खुद दावा किया है कि ”उन्हें किसी पुरुष के साथ सम्बन्ध स्थापित करने में कोई परेशानी नहीं है मगर आईवीएफ की प्रक्रिया के तहत माँ बनने का विकल्प उन्होंने अपनी स्वेच्छा से चुना है।

कुछ को आज तक सही लाइफ पार्टनर नहीं मिला ivf

दूसरी तरफ वर्जिन बर्थ के रूप में माँ बनने वाली महिलाओं ने अपनी अलग ही डिमांड की वजह से इस प्रक्रिया का विकल्प चुना है। कुछ महिलाओं का मानना है कि वो आईवीएफ के द्वारा माँ इसलिए बनना चाहती हैं क्योँकि उन्हें सेक्स में कोई इंट्रेस्ट ही नहीं है। तो कुछ को आज तक उनकी पसंद का पार्टनर नहीं मिला है। कुछ महिलाओं के मन में तो सेक्स को लेकर संदेह और डर के भी लक्षण देखे गए हैं।

सिंगल मदर भावनात्मक रूप से होती हैं काफी मजबूत single mother

डॉक्टर्स और कुछ जानकारों का कहना है कि आज कल सिंगल मदर पैरेंट का प्रचलन तेज़ी से बढ़ने की वजह से भी इस प्रक्रिया की भी डिमांड अच्छी खासी बढ़ गयी है। आज कल महिलाएं आत्मनिर्भर हो गयीं हैं इसलिए वो आईवीएफ का विकल्प चुनने में हिचकिचा नहीं रही हैं। कुछ सर्वे में तो ये भी पाया गया है कि सिंगल मदर बाकि मदर्स की अपेक्षा भावनात्मक रूप से भी काफी मजबूत होती हैं।

महिलाओं के इस फैसले से आया दुनिया में तूफ़ान pregnent women

तो वहीं दूसरी तरफ से समाज में आये इस परिवर्तन से तूफ़ान आ गया है। कुछ धर्म विशेषज्ञ और जानकार महिलाओं के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि ‘महिलाएं जिस तरह से माँ बनती आयीं हैं उन्हें उसी नियम का पालन करते हुए माँ बनना चाहिए और जिस तरीके की पद्धति के प्रयोग से वो माँ बनने जा रही हैं वो पूरी तरह से अनैतिक है।

जानकार आये महिलाओं के समर्थन में baby and a mother

वर्जिन बर्थ का समर्थन करते हुए नैशनल गैमेट डोनेशन ट्रस्ट के चीफ एग्जेक्युटिव लौरा विटजेंस कहा है कि ” महिलाओं को अधिकार है कि वह अपने हिसाब से अपने रास्ते का चुनाव कर सकें। अगर वह ऐसा चाह रही है तो उन्हें पूरा हक है। लेकिन क्लीनिक्स की जिम्मेदारी है कि वह इस बात को समझने की कोशिश करें कि कोई महिला ऐसा कदम क्यों उठाना चाह रही है।”

 पवित्र रहने की दिलाई गयी थी प्रतिज्ञा girls sad

अगर लौरा विंटजेन्स की इस बात पर गौर करें तो हमारे सामने इसकी एक अलग सच्चाई भी उभर कर आती है। साल 2013 में अमेरिका में एक सर्वे के दौरान ये सामने आया था कि हर 100 में से 2 महिलाएं बिना सेक्स किये ही माँ बनने की इच्छा ज़ाहिर कर रही हैं। उनमें से कुछ ने बताया कि उन्हें सेक्स करना धर्म के विरुद्ध बताया गया है और आजीवन खुद को पवित्र रखने की प्रतिज्ञा भी दिलाई गयी है।

सेक्स से लगता है डर pregnet women

इसका एक ये भी पहलु सामने आया है कि लोगों की सेक्स के प्रति जिज्ञासा तो है मगर इस विषय पर बात करने से हमेशा कतराते हैं। इसलिए उन्हें इसके बारें में कोई ख़ास समझ भी नहीं है इसलिए अधिकतर महिलाएं सेक्स के प्रति आशंकित और डर के चलते भी संबंध बनाये बिना ही माँ बनना अधिक पसंद कर रही हैं।