ब्लड डोनेट

नई दिल्ली : ब्लड डोनेशन हर साल लाखों लोगों की ज़िंदगी ब्लड डोनेशन से बचती है। ब्लड डोनेशन से थैलेसीमिया जैसी जानलेवा बीमारी के मरीज़ों की सही दवाओं और सर्जरी के साथ बढ़ाने में मदद करता है। मां और शिशु के स्वास्थ्य में भी इसका बड़ा योगदान है। इंसान का खून बनाया नहीं जा सकता जो लोग इसे डोनेट करते हैं केवल वही इसका स्रोत होते है। लोग ब्लड डोनेट करें यह जरुरी है।

रक्तदान कई लोगों का जीवन बचा सकता है हम सभी यह जानते है। रक्तदान कर ने वाले को भी इसे कई फायदे है। नॉयडा के जेपी अस्पताल के ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन मेडिसन के एक्जीक्यूटिव कंसल्टेंट डॉक्टर प्रशांत पांडे ने हमें ऐसे 4 कारण बताए जिससे ब्लड डोनर को फायदा होता है।

ये बात ज्यादा लोगों को नहीं मालूम कि नियमित रूप से ब्लड डोनेशन करने से आयरन लेवल ठीक बना रहता है। शरीर में आयरन बढ़ जाए तो ऑक्सीडेटिव डैमेज होता है जिससे टिशू डैमेज होता है। ब्लड डोनेट करने से न सिर्फ शरीर में आयरन की मात्रा ठीक बनी रहती है बल्कि ये दिल की बीमारियों से भी बचाव करता है। ये वक्त से एजिंग होने स्ट्रोक आने और हार्ट अटैक से बचाव करता है।

नॉयडा के जेपी अस्पताल के ब्लड बैंक और ट्रांसफ्यूजन मेडिसन के असोसिएट कंसल्टेंट डॉक्टर नितिन अग्रवाल के अनुसार हालांकि ऐसा कोई अध्ययन नहीं है। जो ये दावा करता हो कि ब्लड डोनेट करने से लीवर की बीमारियों और कैंसर का जोखिम कम होता है। लेकिन ये देखा गया है कि ब्लड डोनेट करने से लीवर पर अच्छा असर पड़ता है। लीवर का कार्य आयरन मेटाबॉलिज्म पर निर्भर करता है। ब्लड डोनेशन से शरीर में आयरन की मात्रा सही बनी रहती है और लीवर डैमेज होने से बचता है। आयरन की अधिकता से लीवर टिशू का ऑक्सीडेशन होता है जिससे वो डैमेज हो सकता है और आगे चलकर कैंसर बन सकता है। नियमित रूप से ब्लड डोनेट करने से लीवर कैंसर का जोखिम भी कम होता है।

आप एक बार ब्लड डोनेट करके 650-700 किलो कैलोरी घटा सकते हैं। वजन का लेना देना कैलोरी से होता है और कैलोरी घटेगी तो वज़न भी घटेगा। हालांकि ब्लड डोनेट 3 महीने में एक बार ही करना चाहिए, यही सुरक्षित तरीका है।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि ब्लड डोनेट करने पर जो अहसास होता है वो बहुत ख़ास होता है। इंसान के ब्लड का कोई विकल्प नहीं होता इसलिए ये काम बहुत अहम हो जाता है कि लोग ब्लड डोनेट करें ताकि ज़रूरतमंद मरीज़ों के लिए वो काम आ जाए जब भी आप ब्लड डोनेट करते हैं वो 3-4 अलग-अलग मरीज़ के काम आ जाता है जो कि खुशी और संतुष्टि का भाव देता है।