कैंट इलाके में 2014 में हुए ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय को अगवा करने व उनकी बदहाली के मामले में बृहस्पतिवार को फैसला आ जाएगा। नौतनवां से निर्दलीय विधायक व पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी के बेटे अमन मणि त्रिपाठी व उनके साथियों के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। विशेष जज पवन राय ने अपना फैसला सुरक्षित करते हुए 30 सितंबर की तारीख तय की है। अगर विधायक को सजा सुनाई जाती है तो उनकी विधायकी भी जा सकती है। साथ ही वह फिर चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे।

मूलरूप से गोरखपुर के रहने वाले ठेकेदार ऋषि कुमार पांडेय का लखनऊ के  कैंट थानाक्षेत्र में अपहरण कर लिया गया था। इस मामले में ऋषि पांडेय की तहरीर पर कैंट थाने में नौतवना के विधायक अमन मणि त्रिपाठी, दो साथी संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला पर अपहरण, फिरौती मांगने व जान से मारने की धमकी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था। विवेचना के बाद पुलिस ने विधायक अमन मणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी व रवि शुक्ला के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी।

28 जुलाई 2017 में कोर्ट ने अमन मणि सहित तीनों आरोपियों पर आरोप तय कर दिये थे। अब इस मामले में एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने अमन मणि त्रिपाठी, संदीप त्रिपाठी, रवि शुक्ला के खिलाफ सुनवाई पूरी कर फैसले के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है।

मां-पिता और मामा पहले जेल में हैं
नौतनवां के विधायक अमन मणि त्रिपाठी के पिता अमर मणि त्रिपाठी भी लक्ष्मीपुर विधानसभा से विधायक रहें है। वह सपा सरकार में राज्यमंत्री भी रहे। करीब एक दशक पहले पूर्वांचल के गोरखपुर से लेकर नेपाल की तराई तक अमर मणि त्रिपाठी का साम्राज्य हुआ करता था। किसी जमाने में पूर्वांचल के बाहुबली व चिल्लूपार से 6 बार विधायक रहे पं. हरिशंकर तिवारी के खास हुआ करते थे। लेकिन अनबन होने के बाद अपनी अलग राजनैतिक पृष्ठभूमि तैयार कर ली।

अमर मणि त्रिपाठी पर लखनऊ की कवियत्री मधुमिता शुक्ला की 9 मई 2003 में हुई हत्या का आरोप है। इस हत्याकांड में अमर मणि के साथ उनकी पत्नी मधु मणि भी जेल में बंद है। मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। सीबीआई ने अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी मधु मणि, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय और प्रकाश पांडे के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इस हत्याकांड में अमरमणि त्रिपाठी, मधु मणि त्रिपाठी को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई जिसके बाद से दोनों जेल में हैं।

24 सितंबर को अमर मणि त्रिपाठी के सगे साले अश्वनी उपाध्याय को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। उन पर को-ऑपरेटिव कंपनी टपरी सहारनपुर व स्टैलर कंपनी प्राइवेट लि. में लाइजनिंग अधिकारी रहते हुए करोड़ो रुपये की एक्साइज ड्यूटी चोरी करने का आरोप है। पुलिस ने उन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।