Mandsaur Rape, BJP, MLA ,Sudhir Gupta

नई दिल्ली: मध्यप्रदेश के मंदसौर में हुई मासूम के साथ घिनौनी वारदात का जहां पूरा देश मिलकर विरोध कर रहा है और आरोपियों को सख्त सजा देने की मांग कर रहा हैं। तो वहीं, इस मामले में राज्य के एक बीजेपी विधायक द्वारा बेहद ही शर्मनाक राजनीति की पेशकश की गई है।

दरअसल शुक्रवार के दिन बीजेपी के क्षेत्रीय सांसद सुधीर गुप्ता पीड़ित मासूम की तबीयत जानने के लिए इंदौर में एमवाय अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में उस वक्त बच्ची का परिवार भी मौजूद था। डॉक्टरों से बच्ची के हालचाल पूछने के बाद सांसद ने उसके माता पिता से भी मुलाकात की। आरोप है कि बीजेपी सासंद ने जिस वक्त बच्ची के परिवार से मुलाकात की तो विधायक सुदर्शन गुप्ता ने इसके लिए उनसे हर्जाने के रूप में धन्यवाद मांग लिया। सुदर्शन गुप्ता ने अपनी बात में कहा कि वे मंदसौर के सांसद महोदय का शुक्रियाद करें, क्योंकि वह उनसे यहां मिलने अस्पताल तक आए हैं।इस पर बच्ची के माता – पिता ने सांसद सुधीर गुप्ता के सामने हाथ जोड़ लिए। न्यूज एजेंसी की मानें तो विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि , ‘सांसद जी को धन्यवाद बोलिए, स्पेशल आपके लिए आए हैं।

सीएम शिवराज ने की फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की वकालत
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दुष्कर्म मामले में सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की वकालत की है। इधर इस मामले में पकड़े गये पहले आरोपी इरफान (20) ने पुलिस पूछताछ में बताया कि बालिका से बलात्कार की वारदात में उसके साथ मंदसौर के मदरपुरा का रहने वाला आसिफ भी शामिल था। इसके बाद पुलिस ने इस मामले के दूसरे आरोपी को भी शुक्रवार को धर दबोचा। कक्षा तीन में पढऩे वाली पीड़ित बच्ची इंदौर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के बाल शल्य चिकित्सा विभाग के वॉर्ड में भर्ती है।

बच्ची के सिर, चेहरे पर किया था धारदार हथियार से हमला
बच्ची का इलाज कर रहे एक डॉक्टर ने बताया कि यौन हमलावर ने बच्ची के सिर, चेहरे और गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया था। साथ ही, उसके नाजुक अंगों को भीषण चोट पहुंचाई थी। जिसे मेडिकल जुबान में फोर्थ डिग्री पेरिनियल टियर कहते हैं। यौन हमले में बच्ची के बुरी तरह क्षतिग्रस्त नाजुक अंगों को दुरुस्त करने के लिये उसकी अलग-अलग सर्जरी की गई है। इस बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने मांग की है कि बच्ची को बेहतर इलाज के लिए किसी महानगर के बड़े अस्पताल में भर्ती कराया जाए। पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठाये।