नई दिल्ली. पूर्वी दिल्ली के गीता कॉलोनी पुलिस थाने में कोहिमा से जीरो FIR ट्रांसफर किए जाने के बाद पुलिस ने एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस शख्स ने खुद को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी बताकर नागालैंड के भाजपा प्रवक्ता को मैसेज भेजा था। पुलिस ने बताया कि गीता कॉलोनी में रहने वाले एक मजदूर से इस बारे में पूछताछ की गई, तो उसका मानना है कि वह साइबर अटैक का शिकार हुआ होगा। उसका व्हाट्सएप अकाउंट अपराधियों द्वारा हैक किया जा सकता था, जिन्होंने मैसेज भेजने के लिए मंत्री की तस्वीर को प्रोफाइल पिक्चर के रूप में इस्तेमाल किया।

यह है पूरा मामला

पुलिस के अनुसार, एक जीरो एफआईआर तब दर्ज होती है, जब अपराध का स्थान किसी थाने के अधिकार क्षेत्र से बाहर होता है। बता दें कि मामला नागालैंड के कोहिमा में भारतीय दंड संहिता और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धाराओं के तहत 3 फरवरी को दर्ज किया गया था। बाद में उसे गीता कॉलोनी पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दिया गया था।

पुलिस ने बताया कि मंगलवार को यहां एक FIR दर्ज की गई थी। पुलिस उपायुक्त (शाहदरा) रोहित मीणा ने कहा, एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसमें कहा गया था कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस पुरी को खुद के रूप में पेश किया है।

उन्होंने कहा कि आरोपी व्हाट्सएप पर मंत्री की फोटो को अपनी प्रोफाइल पिक्चर के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था। उन्होंने हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मिजोरम के प्रभारी महोनलुमो किकोन को एक मैसेज भेजा था। ऐसा संदेह है कि उसका व्हाट्सएप अकाउंट उसे फिशिंग लिंक भेजकर या ओटीपी के जरिए हैक किया जा सकता है। पुलिस ने कहा कि मामले के संबंध में पुलिस ने व्हाट्सएप को लिखा है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने तकनीकी निगरानी और स्थानीय पूछताछ के जरिए व्यक्ति की पहचान की, जिसके बाद उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया।

ऐसे मामले लगातार सामने आते रहे हैं

पिछले दिनों गुरुग्राम पुलिस ने एक ऐसी महिला को अरेस्ट किया था, जो खुद को कभी IFS तो कभी IPS बनकर लोगों को बेवकूफ बना रही थी। खुद को आईपीएस अधिकारी बताने के आरोप में दो सप्ताह पहले गिरफ्तार की गई महिला का दुस्साहस देखिए, उसे 2019 में भी गिरफ्तार किया गया था। उस समय इस महिला ने खुद को भारतीय विदेश सेवा(IFS) में अधिकारी बताया था। पुलिस ने बताया कि मेरठ निवासी जोया खान के रूप में पहचानी जाने वाली 30 वर्षीय महिला ने कथित तौर पर एक भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी के रूप में खुद को पुलिस एस्कॉर्ट की मांग की और यहां तक कि एक चौकी पर कर्मियों को धमकी भी दी। आरोपी ने मानेसर पुलिस स्टेशन के एसएचओ को कॉल करने के लिए अपने मोबाइल फोन पर वॉयस चेंजिंग ऐप का इस्तेमाल किया। नतीजतन, FIR में आईटी अधिनियम की एक प्रासंगिक धारा जोड़ी गई।