कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में शामिल पार्टी के कद्दावर नेता शशि थरूर ने शनिवार को एक वीडियो संदेश में कहा कि एक अफवाह सामने आई है कि वह कांग्रेस चीफ की रेस से बाहर हो रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं है। थरूर ने कहा, “मैं चुनौती से पीछे नहीं हटता। जीवन भर कभी नहीं रहा और न करूंगा।” कांग्रेस अध्यक्ष की लड़ाई में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं। आज नामांकन वापस लेने की अंतिम तारीख है। ऐसे में अटकलें हैं कि थरूर अपना नाम वापस ले सकते हैं।

शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल पर वीडियो संदेश जारी करते हुए केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “सुना है कि मैं आज कांग्रेस अध्यक्ष की रेस से पीछे हट रहा हूं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं चुनौती से कभी पीछे नहीं हटता। जीवन भर मैंने ऐसा कभी नहीं किया। यह एक संघर्ष है, पार्टी के भीतर फ्रैंडली मुकाबला है। लेकिन लड़ाई अंत तक ले जानी जरूरी है। मैं यहां डटे रहने के लिए हूं।”

थरूर आगे कहते हैं, ” कृपया 17 तारीख को आइए और मुझे वोट करें। अगर कल के बारे में सोचना है तो थरूर को जरूर दिमाग में रखें।”

अध्यक्ष की रेस में खड़गे आगे!
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अध्यक्ष की लड़ाई यकायक मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन के साथ ही उनके पक्ष में झुक गई है। सबसे पहली बात तो यह है कि खड़गे कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं और हर कोई उनका सम्मान करता है। साथ ही साथ पार्टी का अंसतुष्ट खेमा जी-23 भी खड़गे की उम्मीदवारी पर उनके समर्थन में खड़ा है। ऐसे में जी-23 ग्रुप के सदस्य और खड़गे के प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर के लिए यह मुकाबला जीतना दूर की कौड़ी समान लग रहा है।

थरूर को रिस्पांस कम
शशि थरूर कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए वोट मांगने के लिए कई राज्य इकाईयों का दौरा कर चुके हैं। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उन्हें नेताओं का उतना समर्थन नहीं मिल रहा। इससे उलट गांधी फैमिली की बैक डोर से समर्थन के बाद खड़गे को पार्टी नेताओं का जबरदस्त सपोर्ट मिल रहा है। उदाहरण के लिए, शशि थरूर ने खुद कहा था कि जब वे तमिलनाडु में थे तब कोई “नेता” मौजूद नहीं था। थरूर ने कहा, “प्रेस कॉन्फ्रेंस में, मीडिया ने आरोप लगाया कि पदाधिकारियों को दूर रहने के लिए कहा गया था। दिलचस्प बात यह है कि दर्जनों आम नागरिकों ने मुझे अपना समर्थन दिखाने के लिए भाग लिया।”