North Korea, Women Soldiers in North Korea, Kim Jong Un

This handout picture taken by North Korea's official Korean Central News Agency on December 21 shows members of the Korean People's Army crying for late North Korean leader Kim Jong-Il in Pyongyang.

सोल, उत्तरी कोरिया यानी सनको तानाशाह किम-जोंग के देश में महिला सैनिकों की स्थिति सेक्स स्लेव्स से बदतर है. यहाँ  सेना में काम कर रही महिलाओं के साथ बलात्कार की वारदात बेहद आम हैं। सिर्फ इतना नहीं महिलाओं को पीरियड्स के दौरान बहुत ही विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है.

आर्मी ड्यूटी के दौरान मुश्किल परिस्थितियों से निपटने की वजह से कई महिला सैनिकों के पीरियड्स असमय ही बंद हो जाते हैं जिसकी वजह से आगे चलकर उन्हें माँ बन्ने में दिक्कत होती है. और अगर पीरियड्स हों भी तो ये महिला सैनिक सैनिटरी पैड्स को दोबारा इस्तेमाल करने के लिए मजबूर होती हैं। सालों तक उत्तर कोरिया की सेना में रहते हुए इस नरक को झेलने वाली ली सो योन ने सोमवार को अपने ये अनुभव साझा किए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ली सो योन चीन के रास्ते दक्षिण कोरिया पहुंचीं। ली ने बताया कि वह 10 साल उत्तर कोरिया की सेना में रहीं। 1992 में वह 17 साल की थीं और 2001 में उन्होंने सेना छोड़ दी। ली ने बताया कि वह रेप होने से बच गईं लेकिन उनकी कई साथियों के साथ रेप हुआ।

ली ने बताया, ‘कंपनी कमांडर ड्यूटी खत्म होने के बाद भी अपने कमरे में रहता था और इस दौरान अपने अधीन काम कर रहीं महिला सैनिकों का रेप करता था। यह एक-दो दिन नहीं बल्कि रोज होता था’  41 साल की हो चुकीं ली ने बताया कि वह अपनी सेना की नौकरी से काफी प्यार करती थीं लेकिन कड़ी ट्रेनिंग और खाने की कमी की वजह से महिलाओं के शरीर पर बहुत असर पड़ता था।

ली ने बीबीसी को बताया, ‘तनावपूर्ण माहौल और कुपोषण की वजह से महिलाओं को पीरियड्स बंद हो जाते थे। महिला सैनिकों को पीरियड्स न होना अच्छा लगता था क्योंकि अगर पीरियड्स होते तो स्थिति और भी बुरी होती।’

ली ने स्वेच्छा से किशोरावस्था में ही आर्मी जॉइन की थी, लेकिन किम जोंग-उन के शासनकाल में उत्तर कोरियाई महिलाओं को कम से कम 7 साल सेना में सेवा देना जरूरी है। ली ने साल 2008 में उत्तर कोरिया से भागने की सोची और 2 बार भागने की कोशिश की। पहली बार उन्हें पकड़ लिया गया और एक साल के लिए जेल भेजा गया लेकिन दूसरी बार वह सफलतापूर्वक नदी में तैरते हुए भागने में कामयाब रहीं।