हमले

इजराइल दौरे पर गए पीएम नरेंद्र मोदी आज प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहु और राष्ट्रपति रुवन रिवलिन से मुलाकात करेंगे। इसके साथ ही वे 26/11 मुंबई हमले में बच गए 10 वर्षीय बेबी मोशे होल्त्जबर्ग से भी मिलेंगे, बताया जाता है कि हमले में मारे गए 173 लोगों में नरीमन हाउस में रहने वाले मोशे की मां रिवका और पिता गैवरूल होल्त्जबर्ग भी थे।

जब हमला हुआ तब माता-पिता के साथ 2 साल का मोशे भी वहीं था। अपने माता-पिता के मारे जाने के बाद वह उनके शवों के पास बैठा रो रहा था, तभी उसकी आया ने मोशे की आवाज सुनकर उसे वहां से उठाकर ले गई जिससे उसकी जान बच गई।

क्या थी घटना-
बेबी मोशे और उसके इजराइल माता-पिता मुंबई के नरीमन हाउस स्थित चबाड हाउस में मोशे अपने मां-बाप के साथ रहता था, जहां सैंड्रा सैमुअल मोशे की आया के रुप में काम करती थीं। दर्दनाक घटना की चश्मदीद गवाह सैंड्रा सैमुअल ने उस रात की पूरी घटना एक इंटरव्यू में बताई। 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर लश्कर तैयबा के हमले में नरीमन हाउस को भी निशाना बनाया गया था। सैंड्रा ने बताया वह अपने दो बेटों से मिलने हर बुधवार को जाती थीं, मगर उस रात वह नहीं गई थी।

सैंड्रा का कहना था कि ये भगवान का इशारा था कि उस रात वहां क्या होने वाला था इसलिए मैं वहां रुकी। सैंड्रा आगे बताती हैं कि जब उन्होंने गोलियों की आवाज सुनी तो साथ ही उपर से काफी लोगों की चीखपुकार भी सुनाई देने लगीं। वह बताती हैं कि उन्हें कुछ समझ नहीं आया, उन्होंने फोन का तार निकाल दिया और वो लॉन्ड्री रूम में जाकर छिप गईं।

पूरी रात मैं वहीं रही और अगली सुबह मैं वहां से निकली तभी मुझे बेबी मोशे की आवाज सुनाई पड़ी। मैं उपर के कमरे में गई तो उसके माता-पिता खून से सने फर्श पर पड़े थे। मोशे उनके पास ही बैठा रो रहा था। यह दृश्य देखकर मैंने चुपचाप उसे अपनी गोद में उठाया और चुपचाप उस बिल्डिंग से निकलकर उसकी और अपनी जान बचाई।