BRICS

ब्रिक्स समिट के दूसरे दिन पीएम नरेंद्र मोदी की आज चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात होनी है। डोकलाम विवाद के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली बैठक होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस मुलाकात में डोकलाम विवाद पर भी बात हो सकती है। इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने औपचारिक रूप से ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात की थी।

UPDATES-

  • पीएम मोदी, शी जिनपिंग, व्लादिमीर पुतिन इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर पहुंच गए हैं।

  • पीएम मोदी इंटरनेशनल कांफ्रेंस सेंटर पहुंचे, सभी देशों के नेता यहां पर ब्रिक्स समिट के लिए औपचारिक फोटोशूट करवाएंगे।

चीन के श्यामन में चल रहे ब्रिक्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर-शोर से आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। पीएम मोदी के इस दबाव का असर भी देखने को मिला है। ब्रिक्स श्यामन 2017 के घोषणापत्र में आतंकवाद का जिक्र किया गया है। इस घोषणापत्र में लश्कर-ए-तयैबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत कुल 10 आतंकी संगठनों का जिक्र किया गया है।

क्या कहा गया घोषणापत्र में?
ब्रिक्स समिट में भारत ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया है। ब्रिक्स सम्मेलन में घोषणापत्र के 48वें पैराग्राफ में आतंकवाद पर कड़ी चिंता व्यक्त की गई है। इसमें लिखा गया है कि हम लोग आस-पास के इलाके में फैल रहे आतंकवाद और सुरक्षा की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हैं। इन इलाकों में तालिबान, ISIL, अल-कायदा से काफी खतरा है। वहीं ईस्टर्न तुर्कीस्तान इस्लामिक मूवमेंट, इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उजबेक्सितान, हक्कानी नेटवर्क, जैश-ए-मोहम्मद, टीटीपी और हिज्बुल उत तहरीर का जिक्र किया गया है।

आपको बता दें कि चीन लगातार पाकिस्तान समर्थक आतंकी संगठनों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा लगाता रहा है। मगर ब्रिक्स के घोषणापत्र में इनका जिक्र होना भारत के लिए बड़ी सफलता है।

मोदी के दौरे से पहले खत्म हुआ डोकलाम विवाद-
पीएम मोदी के चीन दौरे से ठीक पहले दोनों देशों ने डोकलाम विवाद को सुलझाने का दावा किया था। दोनों देशों ने आपसी सहमति से डोकलाम से अपनी-अपनी सेनाएं हटाने की बात की थी। हालांकि चीन का कहना था कि उसकी सेना डोकलाम में पेट्रोलिंग करती रहेगी।