50 rupee new note

केंद्र सरकार 50 रुपए का जो नोट ला रही है, उस पर हम्‍पी के रथ का चित्र है। इसके बाद से ही दक्षिण भारत में स्थित हम्पी के बारे में लोग काफी उत्‍सुक हैं।दरअसल, पत्थर का बना रथ वास्तुकला का अद्भुत नामूना है। पत्थर को तराशकर इसमें मंदिर बनाया गया है, जो रथ के आकार में है।

हम्पी, कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। ये प्राचीन गौरवशाली साम्राज्य विजयनगर का अवशेष है। इसे यूनेस्को ने भारत में स्थित विश्व विरासत का दर्जा दिया था। हम्‍पी में विजयनगर साम्राज्य के तमाम अवशेष मौजूद हैं। इसीलिए इतिहास और पुरातत्व के लिहाज से हम्पी एक अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान माना जाता है। हम्पी को प्राचीन काल में कई नामों से जाना जाता था, जैसे- पम्पा क्षेत्र, भास्कर क्षेत्र, हम्पे, किष्किंधा क्षेत्र आदि। हम्पी नाम कन्नड़ शब्द हम्पे से पड़ा है और हम्पे शब्द तुंगभद्रा नदी के प्राचीन नाम पम्पा से आया था। हम्पी का इतिहास तो वैसे काफी प्राचीन है, मगर यहां विजयनगर साम्राज्य की स्थापना 1336 में हरिहर राय और बुक्का राय ने की थी। दोनों भाई थे। कहा जाता है कि कुछ समय में ही ये संपन्न और धनी राज्य बन गया था।

कृष्णदेव राय के शासन में ये स्‍थान अपने चरम पर था। बेहद बुद्धिमान तेनालीराम इन्हीं के दरबार में थे। इस साम्राज्य का विस्तार मौजूदा कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के इलाकों तक हो गया था। मगर मुगलों के आक्रमण से विजयनगर साम्राज्य नष्ट हो गया और हम्पी भी खंडहर में तब्दील हो गया। हम्पी एक महत्वपूर्ण धार्मिक केंद्र भी है। मान्‍यता के मुताबिक जब राम लक्ष्मण के साथ सीता को ढूंढने निकले थे, तब राम बाली और सुग्रीव से मिलने यहां आए थे। हम्पी में अब हर साल 15 लाख पर्यटक आते हैं। हम्पी अपने वास्तु के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह पूरा इलाका स्मारकों और पत्थरों के ढांचों से भरा हुा है, जिनमें 14वीं सदी के दौरान कुशल शिल्पियों द्वारा रचे गए वास्तु की जबरदस्त खूबी दिखती है।

हम्पी को एशिया में सबसे बड़ा खुले स्मारकों वाला गुम हुआ शहर माना जाता है। इसके अवशेषों को देखकर अंदाजा लग जाता है कि करीब 600-700 साल पहले ये शहर कितना भव्य था। यह पूरा इलाका करीब 25 वर्ग किमी. में फैला हुआ था। हम्पी में विजयनगर युग के सैकड़ों स्मारक देखने लायक हैं। हम्पी का इलाका अनगिनत पत्थरों से भरा है। स्मारकों के साथ ही यहां भव्य मंदिर, महलों के तहखाने, प्राचीन बाजार, शाही मंच, दरबार, जलाशय आदि देखने लायक हैं।

इस इलाके का एक प्रख्यात धार्मिक आकर्षण विरुपाक्ष मंदिर है, जो विजयनगर के देवता भगवान विरुपाक्ष को समर्पित है। इसके साथ ही लक्ष्मी, नरसिंम्हा, शिवलिंग और विठ्ठल मंदिर भी हैं। हम्पी में हर साल नवंबर में वार्षिक समारोह मनाया जाता है, जिसे हम्पी उत्सव या विजय उत्सव कहा जाता है। यहां दिवाली का त्योहार भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।