गाज़ियाबाद, गाज़ियाबाद के हिसाली गाँव स्थित पावन चिंतन धारा आश्रम द्वारा रविवार को स्वराज सभा का आयोजन किया गया. इस आयोजन में श्रीगुरु पवनजी ने डेनमार्क के Kalundborg Gymnasium से आए सामाजिक विज्ञान के शोध विद्यार्थियों के साथ ‘Indian Political System’ विषय पर संवाद किया. उन्होंने भारतीय राजनीति प्रणाली में श्रीराम व श्रीकृष्ण के योगदान से भी विद्यार्थियों को अवगत कराया.
श्रीगुरु पवन जी ने शोधार्थियों को विषय पर पूरी जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय राजनीती प्रणाली उतने वर्ष पुरानी है, जितना पुराना भारत वर्ष है. पूर्ण भारत का स्वरुप क्या था, वर्तमान में भारत के पड़ोसी देश किस प्रकार भारत के अभिन्न अंग थे, चारों युगों का काल विभाजन, प्रत्येक युगों के अनुसार उस समय की राजनीति प्रणाली का विस्तारपूर्वक वर्णन किया| साथ ही यह भी बताया कि राजनीति शास्त्र को समझने के लिए वास्तविक भारतीय इतिहास और संस्कृति को समझना अतिआवश्यक है| श्रीराम व श्रीकृष्ण का राजनीति प्रणाली के विकास में योगदान को भी उजागर किया.
श्रीगुरुजी ने बताया कि द्वापर युग में ही श्रीकृष्ण जी ने भारत में महासंघ की प्रणाली को जन्म दिया था. तत्पश्चात उन्होंने मध्यकाल की चर्चा करते हुए मुगलों की दिशाहीन शिक्षा और ध्वस्त राजनीति प्रणाली का भी जिक्र किया और बताया कि इसके विकास में शाहजहाँ और औरंगजेब ने कार्य किया और वही अंग्रेजों ने सीमित जनतंत्र की प्रणाली दी.
श्रीगुरुजी ने भारत की विशेषता को बताते हुए कहा कि भारतीय राजनीति प्रणाली में तीन प्रमुख विचारधाराएँ हैं-LEFT WING, CENTER और RIGHT WING| अपने उद्बोधन के अंत में श्रीगुरुजी ने पधारे शोधार्थियों को प्रश्नोत्तर के लिए आमंत्रित किया| शोधार्थियों ने Casteism, Indian Economy, International Relation, Terrorism आदि विषयों से सम्बंधित जिज्ञासाएं शांत की.
इस कार्यक्रम में गाज़ियाबाद के प्रतिष्ठित समाजसेवी हरविलास गुप्ता ; सांसद प्रतिनिधि नरेन्द्र शिशोदिया; भाजपा के प्रतिनिधि मयंक गोयल ; वरिष्ठ पत्रकार रवि वर्मा , समाजसेवी संदीप त्यागी और रवि कटारिया, विहिप, उपस्थित थे|