प्रयागराज: उमेश पाल हत्याकांड में शामिल अतीक अहमद के शूटरों से जुड़ी कई जानकारी पड़ताल में सामने आ रही हैं। पता लगा है कि अतीक अहमद के गैंग में शामिल सदस्यों को मुस्लिम उपनाम देना परिपाटी है। हालांकि इसको लेकर मतांतरण जैसी बातों को फिलहाल जानकार मानने से इंकार कर रहे हैं।

काफी समय से अतीक के घर में काम कर रहा था अरबाज

उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर की पुष्टि पुलिस ने की तो कई सवाल खड़े हुए। इससे पहले अरबाज के एनकाउंटर के बाद भी पता लगा कि उसके पूर्वज हिंदू थे। अरबाज के चाचा अशफाक ने मीडिया को बताया के अरबाज पहले बांदा के नरैनी में अपनी ननिहाल में रहता था। उसके पिता आफाक भी अतीक की कार के ड्राइवर रहे हैं। अरबाज के नाबालिग होने के समय से ही वह अतीक के घऱ में काम कर रहा था। वह पहले बच्चों को कपड़े धोने का काम करता था। हालांकि अरबाज के दादा का नाम शुभराम था। उन्होंने मुस्लिम धर्म अपनाया और उसके बाद ही उन्होंने नाम बदलकर सोहराब कर लिया।

अतीक गैंग से जुड़ने के बाद रखे जाते थे मुस्लिम उपनाम

वहीं जब विजय चौधरी उर्फ उस्मान के एनकाउंटर का मामला सामने आया तो परिजनों ने भी आपत्ति जताई। उनका कहना था कि उनके बेटे का नाम उस्मान कभी नहीं था। हालांकि बाद में पता लगा कि अतीक गैंग से जुड़ने के बाद उसका उपनाम उस्मान रखा गया। ऐसा इसलिए किया गया जिससे लोग उसे मुस्लिम समझे। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल 50 साल का गुड्डू मुस्लिम भी सुल्तानपुर जिले के रहने वाला है। अतीक गैंग में शामिल होने के बाद ही उसने अपने नाम के आगे मुस्लिम जोड़ा था। मामले को लेकर स्थानीय थाना प्रभारी ने बताया कि सूत्रों के अनुसार अतीक गैंग में मुस्लिम उपनाम रखे जाने की बात सामने आई है। हालांकि जबरन मतांतरण जैसा मामला सामने नहीं आया है।