भारतीय लोकतंत्र की आत्मा ‘संसद भवन’ दिल्ली में है। जिसका निर्माण 1921 से 1927 के बीच हुआ था। संसद भवन का केंद्र बिंदु सेंट्रल हाल का विशाल वृत्ताकार ढांचा है। इसके गुबंद का व्यास 98 फुट तथा इसकी ऊंचाई 118 फुट है। ऐसा माना जाता है कि यह विश्व के शानदार गुबंदों में से एक है।

संसद भवन के वास्तुकार अंग्रेज एडविन लटियन्स और हर्बर्ट बेकर थे। मगर इन्होंने इस पूरे भवन की रूपरेखा जिस मंदिर की कॉपी की वह मध्यप्रदेश के मुरैना में मौजूद है।

कौन सा था वो मंदिर-
– मप्र के मुरैना जिले में है ग्राम पंचायत मितावली, जहां है इकंतेश्वर महादेव मंदिर।

– इस मंदिर का निर्माण प्रतिहार क्षत्रिय राजाओं ने करवाया था। यह मंदिर भूमि से 300 फीट ऊपर बना हुआ है।

– यह मंदिर गोल आकार में बना है। इसी गोलाई में बने हैं चौंसठ कमरे, जहां हर कमरे में एक शिवलिंग स्थापित है।

– मंदिर के मुख्य परिसर में एक विशाल शिव मंदिर है। जिसे 9वीं सदी में बनवाया गया था।

– किंवदंती है कि पहले हर कमरे में शिव के साथ देवी योगिनी की भी मूर्ति थी। इसलिए इस मंदिर को 64 योगिनी मंदिर कहा जाता है।

ऐसे पहुंचें-
– मंदिर ग्वालियर से 40 किमी दूर है।

– यहां पहुंचने के लिए मुरैना से पहले करह बाबा या फिर मालनपुर की ओर जाने वाले रास्ते से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

– यह मंदिर अरावली की पहाड़ियों पर मौजूद है।

– मंदिर करीब 100 खंबों पर खड़ा हुआ है।

– प्राचीन समय में यहां तांत्रिक अनुष्ठान होते थे।

– मंदिर में 200 सीढ़ियां चढ़ कर पहुंचा जाता है।