शरीर

शरीर के हर हिस्से का अपना महत्व है और एक स्वस्थ शरीर के लिए हर अंग, हर कोशिका का सही तरीके से काम करना जरूरी है। शरीर के अंग किस तरह से काम कर रहे हैं, कितने प्रतिशत सक्रिय हैं और क्या बीमारी होने की आशंका…इन सारी बातों के अध्ययन से किसी भी शख्स की सेहत और उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है।

शरीर के विभिन्न अंग हमें तरह-तरह के संकेत देते हैं। मसलन, एसिडिटी हो जाने पर खट्टी डकारें आने लगती हैं। संक्रमण की स्थिति में खुजली होने लगती है। इसी तरह बांह के आकार से दिल से जुड़ी किसी बीमारी से जूझ रहे शख्स की उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है।

अमेरिकन जर्नल ऑफ कार्डियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, जिन लोगों को दिल से जुड़ी कोई बीमारी है, उनकी बांह के ऊपरी हिस्से को देखकर उनके सर्वाइवल रेट की गणना की जा सकती है। इसमें 600 उम्रदराज लोगों को शामिल किया गया। इन सभी लोगों को दिल से जुड़ी कोई न कोई बीमारी थी। शोधकर्ताओं ने भुजा की परिधि और दिल से जुड़ी बीमारी के बीच एक लिंक होने की बात कही है।

दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण होने वाली बीमारियों का संबंध कहीं न कहीं बांह के ऊपरी हिस्से और काफ साइज से भी होता है। मसल मास के कम होने का सबसे बड़ा कारण उम्र हो सकती है। इसके अलावा हॉर्मोन में बदलाव, शारीरिक श्रम में कमी, कमजोरी और पोषण की कमी भी इसकी प्रमुख वजहें हो सकती हैं। इन सभी कारणों के चलते ही इन्सुलिन लेवल असंतुलित हो जाता है, जो मधुमेह और दिल से जुड़ी बीमारियों कारण बनता है।

शोधकर्ताओं ने बांह के मिड-अपर पार्ट और काफ की परिधि का आंकलन किया। ये दो आंकड़े मसल-मास की पहचान करने में प्रयोग किए जाते हैं। उन्होंने मरीजों के मसल्स फंक्शन को उनकी चाल और पकड़ से देखा। अध्ययन के एक साल के भीतर शोधकर्ताओं ने पाया कि 65 साल के करीब 72 लोगों की मौत हो गई लेकिन जिनकी भुजा की परिधि अच्छी थी, वे ठीक रहे

इसके अलावा जिन लोगों का वजन बहुत अधिक है, उनमें भी दिल से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा अधिक होता है क्योंकि उनके दिल को अपेक्षाकृत अधिक काम करना पड़ता है।