सुप्रीम कोर्ट की निगरानी और सक्रियता के बाद तिकुनिया कांड का आरोपी आशीष मिश्र मोनू को दूसरे नोटिस के बाद क्राइम ब्रांच के ऑफिस में पेश होना ही पड़ा। शनिवार को उन्होंने जांच टीम को अपनी बेगुनाही के सुबूत दिए, जो काम नहीं आए। जानकारी के मुताबिक आशीष मिश्र के बचाव की हर कोशिशें हुई। घटनाक्रम से जुड़े लोगों से शपथ पत्र हासिल किए गए। मंदिर और पूजागृह में पूजन कराया गया। जांच के लिए समन भेजे जाने के बाद भी आशीष मिश्र शुक्रवार को पूछताछ में शामिल नही हुए। बल्कि शनिवार को पूरी तैयारी के साथ पुलिस लाइंस स्थित क्राइम ब्रांच के दफ़्तर में पेश हुए। सूत्रों के अनुसार वह घटना से जुड़े कई वीडियो अलग-अलग पेन ड्राइव में रखकर ले गए। साथी ही खुद को निर्दोष बताने वाले शपथ पत्र भी लेकर गए थे। इस दौरान शहर के चर्चित अधिवक्ता अवधेश सिंह को अपने साथ ले गए थे।

शनिवार को जांच टीम की पूछताछ के दौरान पहले तो उनके वकील साथ में रहे। बाद में पुलिस अफसरों ने आशीष मिश्र मोनू को अलग ले जाकर पूछताछ शुरू कर दी। उनके साथ गए लोगों को इतनी दूरी पर कर दिया गया कि वह आशीष मिश्र मोनू को देख तो सकें लेकिन उनकी बातचीत न सुन सकें।

नहीं बता पाया अपनी लोकेशन 
पुलिस की पूछताछ में सबसे अहम बिंदु यह रहा कि घटना के वक्त आशीष कहां था। आशीष की ओर से कई वीडियो साक्ष्य दिए गए, लेकिन वह किसी में भी घटना के समय पर कहीं और होने का साक्ष्य नहीं दे पाया। घटना के दिन दोपहर 2:34 से 3:31 बजे तक कोई लोकेशन नहीं मिल पाई। पुलिस ने यह भी पूछा कि रूट डायवर्ट होने की सूचना के बावजूद वह उसी रास्ते से क्यों गया। पुलिस ने यह भी पूछा कि उस दिन मौके पर गई गाड़ियों में और कौन-कौन लोग मौजूद थे।

लगभग 12 घंटे की पूछताछ में भी यह सवाल अनसुलझा ही रहा कि घटना के समय आशीष कहां था। इसके बाद भी पुलिस अधिकारियों ने जांच में सहयोग न करने और सवालों के सही जवाब न देने को आधार मानते हुए आशीष को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में मौके से मिस कारतूस के बारे में भी कई सवाल पूछे गए। गाड़ियों के मालिकाना हक से जुड़ी पूछताछ भी की गई। पुलिस की ओर से उसकी लोकेशन के बारे में सवाल का भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

जांच टीम के इन सवालों में उलझे आशीष मिश्र
टीम में शामिल पुलिस अधिकारियों ने आशीष से तीखे सवाल किए, जिनका सामना करने में वह परेशान दिखा। जांच टीम ने पूछा कि घटना के वक्त वह कहां था? जब रूट बदला गया तो उसकी गाड़ी उस रास्ते से होकर क्यों गई? घटना का पता उसे कब चला? घटना में कितने लोग मारे गए और इसकी जानकारी उसे कब और कैसे लगी? इस दौरान आशीष मिश्र मोनू ने घटना के दिन अपने बनवीरपुर होने की दलील दी। सूत्रों के मुताबिक जब जांच टीम ने पूछा कि घटना के दिन वह 2:36 से 3:30 के बीच कहां थे, तो वह इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सका।

लखीमपुर खीरी के तिकुनिया हिंसा मामले में शनिवार को 12 घंटे की पूछताछ के बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र को गिरफ्तार कर लिया गया। शुक्रवार को पेश न होने के बाद दूसरा नोटिस चस्पा कर शनिवार सुबह 11:00 बजे उसे बुलाया गया था। तय समय से लगभग 20 मिनट पहले ही आशीष मिश्र वहां पहुंचा।

पूछताछ के बाद रात करीब 11 बजे उसकी गिरफ्तारी हुई। इसके बाद अपराध शाखा के दफ्तर में ही लगभग एक घंटे तक मेडिकल जांच करने के बाद रात 12 बजे के बाद सीजेएम दीक्षा भारती की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 14 दिन के न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। वहीं पुलिस कस्टडी मांगे जाने की अर्जी पर सोमवार को सुनवाई होगी।

जानकारी साझा करने से कतराते रहे अफसर 
आशीष मिश्र मोनू से क्राइम ब्रांच दफ्तर मे पूछताछ के 12 घंटे बीतने के बाद भी जांच टीम कोई निर्णय नहीं ले सकी, बल्कि आरोपी की आवभगत में ही लगी रही, ऐसा बताया जा रहा है। इस मामले में दिनभर कोई भी अधिकारी मीडिया से बात करने के लिए आगे नहीं आए और जानकारी साझा करने से भी कतराते रहे।