वाराणसी, 4 सितम्बर 2021

उत्तर भारत का गेट-वे के रूप में अपनी पहचान बना रहा पूर्वांचल नित नये प्रगति की यात्रा तय कर रहा है। वाराणसी से हल्दिया जलमार्ग का विकास वाराणसी के साथ ही पूर्वांचल के उत्पादों को बांग्लादेश व नेपाल तक पहुंचाने के सम्भावनाओं का द्वार खोल दिया है। जो कृषि निर्यात का बड़ा माध्यम बन सकता है। दूसरी तरफ लखनऊ से बलिया तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और मेरठ से वाराणसी तक गंगा एक्सप्रेस-वे यात्रा की दूरी कम करने के साथ-साथ औद्योगिक कॉरिडोर के विकास की उड़ान भरने जा रहा है। निश्चित ही यह एक्सप्रेस-वे पूर्वी यूपी को पश्चिमी यूपी और दिल्ली को जोड़ने में काफी मददगार साबित होगा।

उद्योग और रोजगार चुनौतियों के समाधान के धार्मिक व प्राकृतिक पर्यटन के विकास के लिए पूर्वांचल के एक बेहतर विकल्प साबित होने जा रहा है। काशी विश्वनाथ धाम व विंध्य धाम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ छोटे-छोटे रोजगार के अवसर पैदा करने जा रहे हैं। कृषि में नयी तकनीक के लिए वाराणसी में स्थापित अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान मिल का पत्थर साबित होगा। वाराणसी और आसपास के जिलों से विदेशों तक निर्यात हुए कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार एपीडा जैसे राष्ट्रीय संस्थान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

वहीं, राष्ट्रीय पैकेजिंग संस्थान युवाओं को रोजगार दिलाने में मददगार बनेगा। विकास की और रफ्तार देने की इन कोशिशों के साथ चुनौतियों के बारे में खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बताएंगे।मौका है आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान पूर्वांचल सम्मान समारोह: जीता उत्तर प्रदेश जीतेगा उत्तर प्रदेश। वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल की 50 विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा। इन विभूतियों से रूबरू कराने का सिलसिला हम शुरू कर रहे हैं। हम आपको ऐसे लोगों से रूबरू करा रहे हैं, जिन्होंने पूर्वांचल का नाम राष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित किया है।

इनमें बीएचयू कोविड लैब इंचार्ज प्रो. गोपालनाथ, बीएचयू के एमआरयू लैब इंचार्ज प्रो. रोयाना सिंह, वाराणसी निवासी जलज जीवन पाठक, वाराणसी के उद्यमी आरके चौधरी, देव भट्टाचार्य, एग्रो एक्सपोर्टर शार्दुल विक्रम, साई सेंटर के परमानंद मिश्रा, टोक्यो ओलंपिक में भाला फेंका स्पर्धा में प्रतिभाग करने वाले चंदौली निवासी शिवपाल सिंह, बलिया निवासी सुरेन्द्र सिंह छाबड़ा, बलिया निवासी नीतीश पांडे, वाराणसी के रामेश्वर सिंह, जौनपुर के दिनेश पांडेय, वाराणसी के अरविंद मौर्य, वाराणसी की रीना सिंह, वाराणसी के डॉ. अभिषेक गुप्ता, वाराणसी के अभिनव सिंह, वाराणसी के अमन कबीर, वाराणसी के ऋषि राज पांडेय, वाराणसी के अनिल कुमार सिंह, वाराणसी के राकेश गोयल, वाराणसी के भैरव दत्ता, वाराणसी के रमेश कुमार विश्वकर्मा, वाराणसी के सोनम कुमारी, वाराणसी की ज्योति व शिवांगी, वाराणसी की आकांक्षा श्रीवास्तव, वाराणसी के गोपाल पटेल, वाराणसी की गुंजन नंदा, राबर्ट्सगंज के शुभा प्रेम, सोनभद्र की प्रधान गुड़िया देवी, बलिया की नंदिनी तिवारी, बलिया की स्मृति सिंह (पूर्व प्रधान), गाजीपुर के वीरेंद्र सिंह, गाजीपुर निवासी कृष्णानंद उपाध्याय, मऊ के डा. संजय सिंह, आजमगढ़ निवासी नीलम प्रजापति, आजमगढ़ के हरिकेश विक्रम, आजमगढ़ के राहुल पांडेय, मिर्जापुर के विवेक बरनवाल, जौनपुर के ज्ञान प्रकाश सिंह, वाराणसी के अनुपमा दुबे, चंदौली के डॉ. एके गुप्ता, भदोही निवासी संगीता खन्ना है।