टिहरी गढ़वाल, 25 सितम्बर 2021

टिहरी डैम की झील का जलस्तर 830 मीटर पहुंचने से जहां बिजली जनरेशन बढ़ा है, वहीं टीएचडीसी की आय में भी 50 से 60 लाख की बढ़ोतरी हुई है. केंद्र सरकार की मीटिंग के बाद शासन द्वारा टीएचडीसी को टिहरी डैम की झील का जलस्तर 830 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति मिली थी. अब जलस्तर और बिजली उत्पादन बढ़ने के साथ ही टिहरी झील में 100 मिलियन क्यूबिक मीटर अतिरिक्त पानी भी स्टोर किए जा सकेगा. इससे पेयजल और सिंचाई के साथ ही हरिद्वार प्रयाग कुंभ क्षेत्र में भी विभिन्न पर्वों पर होने वाले स्नान में भी पानी की कमी नहीं रहेगी.

हाई कोर्ट में चला गया था मामला

टीएचडीसी ने 2005 में टिहरी डैम की झील का जलस्तर 825 तक भरा था और 2013-14 में टिहरी झील का जलस्तर 828 मीटर बढ़ाने की परमिशन दी गई थी, जिसके बाद से लगातार टीएचडीसी द्वारा टिहरी डैम का जलस्तर 830 तक भरने की परमिशन की मांग की जा रही थी. केंद्र सरकार के स्तर पर भी इस दौरान कई दौर की मीटिंग हो चुकी थी लेकिन डैम की झील से प्रभावित गांवों के विस्थापन और कोलेट्रल डैमेज पॉलिसी को लेकर टीएचडीसी द्वारा हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका के चलते मामला लंबित चल रहा था.

फिर बन गई आपसी सहमति
इसके बाद केंद्र सरकार में हुई बैठक और उत्तराखंड सरकार द्वारा हाईकोर्ट में दी गई याचिका को वापस लेने से रास्ते खुले. टिहरी डैम की झील से प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए पैसा देने की शर्त के बाद टीएचडीसी को झील का जलस्तर 830 किए जाने की परमिशन दे दी गई. लगातार हो रही बारिश से इन दिनों झील का जलस्तर लगातार बढ़ रहा था. अब जलस्तर 830 मीटर पर पहुंचने से डिमांड के अनुसार बिजली सप्लाई की जा रही है.

टीएचडीसी के अधिशासी निदेशक यूके सक्सेना ने कहा कि लंबे समय से झील का जलस्तर बढ़ाने के लिए मांग की जा रही थी. उन्होंने बताया कि डैम की झील से प्रभावित गांवों के विस्थापन के लिए टीएचडीसी द्वारा पुनर्वास विभाग को पैसा दिया जा रहा है, जिससे आसपास के क्षेत्रों के प्रभावित लोगों को परेशानी न हो.