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पंजाब विधानसभा के पहले ही सत्र में आम आदमी पार्टी ने भारी हंगामा किया है। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस ना करवाने का विरोध किया है और इसके अलावा कांग्रेस पर तानाशाही रवैया लगाने का आरोप भी लगाया।

भारी हंगामे के बीच कांग्रेस के सीनियर विधायक राणा के. पी. को स्पीकर चुना गया। हंगामे के बाद आम आदमी पार्टी और उनकी सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी के तमाम 22 विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया।

हंगामे के बीच कैप्टन सरकार के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने आम आदमी पार्टी को याद दिलाया कि यही हंगामा उन्होंने सड़कों पर जनता के बीच किया था इसलिए जनता ने उन्हें नकार दिया और अब यही सब कुछ वो विधानसभा के अंदर कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के सपनों को ध्वस्त करते हुए कांग्रेस की सरकार बहुमत में आई है। आम आदमी पार्टी का दावा था कि वह पंजाब में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएगी। मगर 117 में से वह सिर्फ 22 ही सीटें जीत पाई।

हालांकि वह बीजेपी-अकाली गठबंधन से ज्यादा सीटें हैं और विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। वहीं अकाली-बीजेपी गठबंधन ने आरोप लगाया है कि दिल्ली में जिस तरह से कांग्रेस ने अपना पूरा वोट आम आदमी पार्टी को ट्रांसफर कर दिया था उसी का कर्ज पंजाब में ‘आप ’ ने उतारा है।