Rape

हिमाचल प्रदेश में कोटखाई गुड़िया गैंगरेप और मर्डर केस के आरोपी के शव का बुधवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पिछले हफ्ते पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी। सीबीआई ने यहां आईजीएमसी के मुर्दा घर में पड़े उसके शव का पुनर्परीक्षण किया और शव का अंतिम संस्कार करने की इजाजत दे दी है। उसके परिजनों को उसका शव सौंप दिया गया है।

18 जुलाई की रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद आरोपी की पत्नी ममता को भारी सुरक्षा में नारीनिकेतन में रखा गया है। ममता संजोली शमशान घाट पर अपने दोनों बच्चों के साथ मौजूद थी। साढ़े तीन साल के बेटे ने चिता को अग्नि दी। जिला प्रशासन ने उसको मंगल सूत्र और सिंदूर दिया, जबकि नेपाली समुदाय ने अंतिम संस्कार का इंतजाम किया।

बताया जा रहा है कि शुरू में नेपाली समुदाय उसका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि सूरज के माता-पिता और भाई को उसकी मौत के बारे में सूचित नहीं किया गया था। यदि उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया, तो वे इसके लिए ममता को दोषी ठहरायेंगे और छोड़ेंगे नहीं। बहरहाल, एसडीएम ने बताया कि शव पिछले एक हफ्ते से मुर्दा घर में है।

डीएम ने कहा कि शव सड़ना शुरू हो गया था। अंतिम संस्कार में देर करना अब संभव नहीं था। इसके बाद नेपाली समुदाय शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। पुलिस के मुताबिक अन्य आरोपी राजेंद्र ने पुलिस हिरासत में सूरज की हत्या कर दी थी। मगर लोगों ने पुलिस की बात नहीं मानी। हिरासत में हुई मौत के बाद कोटखाई में हिंसा भड़क उठी।

शिमला के गुड़िया गैंगरेप मर्डर केस की जांच कर रही सीबीआई ने दो मोबाइल नंबर जारी किए हैं। इसमें 8219885920 और 8219893550 नंबर जारी किया गया है। यह नंबर आधिकारिक रूप से सूचना देने के लिए जारी किया गया है। कोई भी व्यक्ति एसएमएस या व्हाटसऐप के जरिए इन नंबरों पर सीबीआई को जानकारी दे सकता है।

लिफ्ट के बहाने कर लिया अगवा-
बीते 4 जुलाई को आरोपी राजेंद्र उर्फ राजू अपने दोस्त आशीष और सुभाष के साथ कहीं जा रहा था। उसने 10वीं में पढ़ने वाली गुड़िया को देखा और गाड़ी रोककर उसे घर तक लिफ्ट देने की बात कही। गुड़िया इलाके में नई आई थी। राजू को जानती थी। वह अक्सर स्कूली बच्चों को ले जाता था, जिससे शक नहीं हुआ। लिहाजा वह उसके साथ गाड़ी में बैठ गई।

शराब के नशे में की हैवानियत-
पुलिस के अनुसार राजू और उसके दोस्त शराब के नशे में धुत थे। उन्होंने बीच जंगल में सामान उतारने का बहाना बनाते हुए गाड़ी रोक दी। फिर मासूम के साथ गैंगरेप किया। अपने तीन साथियों को भी वहां बुला लिया और फिर गुड़िया की बेरहमी से हत्या कर उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया। गैंगरेप के दौरान दरिंदों ने गुड़िया के साथ हैवानियत की सारी हद पार कर दी।

हजारों लोगों ने किया प्रदर्शन-
आपको बता दें कि गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए पिछले सप्ताह गुम्मा कस्बे में 24 पंचायतों के चार हजार लोगों ने प्रदर्शन किया था। गुस्साए लोगों ने ठियोग-हाटकोटी नेशनल हाईवे पर सात घंटे तक जाम लगा दिया था। लोग इतने गुस्से में थे कि एक गाड़ी को तोड़ भी दिया। मौके पर पहुंचे एसडीएम टशी संडूप को कमरे में बंद कर दिया था।