आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस

उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एक ड्रीम प्रोजेक्ट बनवा रहे थे। यह ड्रीम प्रोजेक्ट आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे है। बी अखिलेश यादव के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की योगी सरकार सरकार ने जांच करवाने के आदेश दे दिए हैं।

यूपी सरकार ने इस प्रोजेक्ट को लेकर दस जिलों के डीएम को पत्र भेजा दिया है। जिसमे सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया गया है कि वो पिछले 18 महीने जितने भी जमीन खरीद के मामले है वे उनकी जांच कर उसकी जानकारी दें।

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आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के बारे जानें
लखनऊ-आगरा के बीच उन्नाव में एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी बनी है, जहां जरूरत पड़ने पर लड़ाकू विमान भी उतारे जा सकते हैं। लखनऊ-आगरा के बीच छह लेन वाला यह एक्सप्रेस-वे 302 किलोमीटर लम्बा है। एक्सप्रेस-वे पर हवाई पट्टी तीन किलोमीटर लंबी है। परियोजना की अनुमानित लागत 11526.73 करोड़ रुपये तय की गई थी जिसमे जमीन के लिए भुगतान की लागत शामिल नहीं है। एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3,500 हेक्टेयर भूमि 30,456 किसानों की सहमति से खरीदी गई।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस के निर्माण पर जहां अरबों रुपए खर्च हो गए वहीं इसमें करोड़ों रुपए का मुआवजा घोटाला भी सामने आया है। जानकारी के अनुसार इस परियोजना के सिलसिले में मुआवजा बांटने में करोड़ों का घोटाला किया गया। इस मामले में अब तक 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा चूका है।