मुंबई, 25 मार्च 2021

बॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी’ को लेकर आलिया भट्ट और संजय लीला भंसाली की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। मुंबई की मझगांव अदालत ने फिल्म की एक्ट्रेस आलिया भट्ट और फिल्म निर्देशक संजय लीला भंसाली और फिल्म के राइटर को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने इन तीनों को 21 मई को हाजिर होने को कहा है। तीनों को हाजिर होने के आदेश मुंबई की एक चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्‍ट्रेट ने दिया है। मजिस्‍ट्रेट ने यह नोटिस क्रिमिनल मानहानि केस के तहत भेजा है। इससे पहले फिल्म ‘गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी’ का विरोध महाराष्‍ट्र विधानसभा में भी हुई थी।

गंगूबाई के कथित गोद लिए हुए बेटे ने दायर किया मुकदमा

बाबू रावजी शाह नाम के एक शख्स ने दावा किया है कि वह गंगूबाई के गोद लिए हुए बेटे हैं। बाबू रावजी शाह ने ही आलिया भट्ट, संजय लीला भंसाली और फिल्म के राइटर पर मानहानि का केस दर्ज करवाया है। बाबू रावजी ने याचिका में कहा है कि इस फिल्म की वजह से उनके परिवार की काफी बदनामी हो रही है। बाबू रावजी ने हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्‍वीन्‍स ऑफ मुंबई’ को भी गलत बताया है। उन्होंने कहा है कि किताब में लिखी बातें सच नहीं है। इसलिए इसी किताको आधार बनाकर संजय लीला भंसाली ने फिल्‍म का निर्माण किया है। इसलिए फिल्म में भी कई बातें गलत हैं।

‘गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी’ के प्रोमो और ट्रेलर रोकने की भी हुई थी मांग

बाबू रावजी शाह नाम, जिन्होंने दावा किया है कि वो गंगूबाई के गोद लिए हुए बेटे हैं, वह इस मुकदमे के पहले सेशंस कोर्ट भी गए थे। बाबू रावजी शाह ने सेशंस कोर्ट से फिल्‍म के प्रोमो और ट्रेलर पर रोक लगाने की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्‍वीन्‍स ऑफ मुंबई’ 2011 में आई थी और केस आर 2020 में कर रहे हैं।

कोर्ट ने माना था बाबू रावजी शाह के परिवार को मानसिक परेशानी हुई

बाबू रावजी शाह ने ‘गंगूबाई काठ‍ियावाड़ी’ के प्रोमो और ट्रेलर रोकने के लिए 11 दिसंबर 2020 को नागपाड़ा थाने में श‍िकायत दर्ज करवाई थी। टीवी रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट ने याचिका तो खारिज कर दी थी लेकिन कोर्ट ने ये बात मानी थी कि बाबू रावजी शाह और उनके परिवार को किताब और फिल्म के प्रोमो की वजह से मानसिक परेशानी हुई थी। शिकायत के बाद उस वक्त सभी लोगों को समन किया गया था। लेकिन एक को छोड़कर किसी ने इसका जवाब नहीं दिया था।