17 जून 2021

जब किसी का समय खराब चल रहा होता है तो उसके साथ सब बुरा ही होता है। यह वाकय कहते हुए कई लोगों द्वारा आपने सुना होगा। हमेशा अच्छा-अच्छा सोचने के चलते हमारे मस्तिष्क को अच्छा सोचने का रोग लग जाता है। अच्छा समय सबको अच्छा लगता है, बुरे समय से सब डरते हैं। इसे लॉं ऑफ नेचर कहें या जीवन की विडंम्बना कि सबके जीवन में अनेक बार बुरा समय आता ही है। जब सब कुछ विपरीत होने लगता है, शांति नहीं मिलती। बुरा दिन किसी विशेष व्यक्ति को चुनकर उसके पास नहीं आता। यह किसी के साथ भी हो सकता है। मेरे या आपके साथ भी। बुरा समय वह नहीं जो एक ब़डे स्तर पर आपकी जि़ंदगी बदलकर रख दे परंतु बुरा समय वह है जो आपको धीरे-धीरे उदास करता जाए।

जिनका बुरा समय चल रहा होता है वह तो किसी की सलाह सुनने को भी राजी नहीं होते। जो कोई भी उन्हें राय देता है वह उसी पर ही अपने गुस्से का बाण छोड देते हैं। जब बुरा समय होता है तो अच्छी सलाह भी वैसे ही असर नहीं करती जैसे मृत्यु के वश में रोगी को दवा नहीं लगती। बुरा समय बिन बुलाए मेहमान की तरह आता है अपनी मर्जी से जिसके जाने का कोई समय तय नहीं होता परंतु किसी का बुरा समय कब आएगा इसका जवाब ज्योतिष के पास होता है। भारतीय ज्योतिष के सामुद्रिक शास्त्र अनुसार अच्छे या बुरे दिन शुरू होने से पूर्व हर व्यक्ति को उसके संकेत मिलने लग जाते हैं। अगर अच्छे दिन आने वाले हैं तो अच्छे संकेत मिलते हैं। वहीं अगर बुरे दिन आने वाले होते हैं तो उससे पहले अशुभ संकेत मिलते हैं।

जानिए बुरा समय शुरू होने से पहले क्या संकेत मिलते हैं-

– जब आपका कुत्ता खो जाए या मर जाए।
– जब घर में तेल से संबंधित नुकसान होने लगे।
– जब कुत्ता आपके घर की तरफ मुंह कर रोने लगे।
– जब आपके घर के बाहर काला कुत्ता ल़डे व खुजलाए।
– जब पारिवारिक सदस्यों में से किसी का सोना गुम हो जाए।
– जब आपके करीबी परिजन गलत वजहों से आपसे दूर होने लगें।
– जब आपके सबसे मजबूत कौशल पर लोग प्रश्न चिन्ह लगाने लगे।
– जब पारिवारिक सदस्यों में अचानक और अकारण मन मुटाव होने लगे।
– जब घर में कोर्ई मांगलिक कार्य होने वाला हो व कोई सदस्य बीमार हो जाए।
– जब आपके द्वारा किए गए अच्छे कार्य पर आलोचना या बुरा प्रतिफल मिले।
– जब आपके द्वारा किए गए भलाई के कायों में अनापेक्षित अपयश या निंदा मिले।
– जब आपको अपने न समझें और आपकी सही बातों पर आपकी पीठ पीछे आलोचना करें।
– जब दीपावली, होली, दशहरा या राखी जैसे पवों पर घर में कलेश होने लगे व बात हाथापाई पर आ जाए।