अमेठी, रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट रिश्ते के प्रतीक का त्यौहार है ,इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधती है और हर भाई अपनी बहन को कुछ न कुछ गिफ्ट ज़रूर देता है और बहन भी अपने भाई से गिफ्ट मिलने का बेसब्री से इंतज़ार करती हैं।

परन्तु इस बार सरकार ने बहनों को एक ख़ास उपहार देने की योजना बनायी है। इस बार रक्षाबंधन के पर्व पर भाई अपनी बहनों को गिफ्ट में शौचालय बनवाकर देंगे।

इस अनोखी मुहिम की शुरआत अमेठी से हो रही है। सरकार की ये योजना मोदी जी के ”स्वछता अभियान” से प्रेरित है। इस अनोखी योजना को ‘अनोखी अमेठी का अनोखा भाई’ नाम दिया गया है।

आपको बता दें कि सरकार के इतना जागरूक करने के बावजूद भी अमेठी में आज भी कई गाँव ऐसे है जहां पर एक भी शौचालय आजतक नहीं बना है और आज भी वहां की महिलाओं को खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है। इसलिए सरकार ने इस बार स्वछता के लिए लोगो को जागरूक करने के उद्देश्य से एक अनोखी पहल की है जिसको सफल बनाने की जिम्मेदारी अमेठी जिले की (CDO- चीफ डेवलप्मेंट ऑफिसर ) अपूर्वा दुबे  के कन्धों पर है।

आईएएस ऑफिसर अपूर्वा दुबे ने इस योजना के बारे में विस्तार से बताया कि ” इस योजना के अंतर्गत अब तक 850 भाईओं ने अपना नाम रजिस्टर कराया है और रक्षाबंधन तक इन आंकड़ों की संख्या उत्साजनक हो जाएगी। इस योजना को अत्यधिक आकर्षक बनाने के लिए और अधिक से अधिक लोगों को इस योजना से जोड़ने के लिए पंजीकृत भाईओं के नाम का लकी ड्रा भी निकाला जायेगा और उस लकी ड्रा में प्रथम विजेता को 50000 रुपये ,द्रितीय विजेता को 15000 रुपये तथा एक मोबाइल फोन तथा तीसरे विजेता को 12000 रुपये तथा 1000 रुपये की कीमत तक का एक गिफ्ट भी दिया जायेगा।

अपूर्वा दुबे के अनुसार सरकार की ये पहल अनोखी है और इसकी शुरुआत अमेठी से ही हो रही है इसलिए इस योजना का नाम ही ” अनोखी अमेठी का अनोखा भाई ” रखा गया है।

इसके बाद निर्माण हुए शौचालयों का 13 अगस्त को निरीक्षण किया जाएगा और जिन भाईओं के द्वारा बनवाये गए शौचालय बेहतर स्थिति में होंगे उन भाईओं को प्रोत्साहन पुरूस्कार भी दिए जायेंगे।

इससे पहले भी कई भाईओं ने अपनी बहनों को गिफ्ट में शौचालय बनवाकर दिए हैं। झारखण्ड के एक भाई ने अपनी बहन को इस उद्देश्य से शौचालय गिफ्ट में दिया कि जिससे बाकी लोग भी प्रेरित होकर शौचालय निर्माण करवाएं।

मध्य प्रदेश के एक गाँव में लगभग 300 महिलाएं थी पर पूरे गाँव में एक भी शौचालय नहीं था। जिसके बाद सबसे पहले 2015 में गाँव के ही महेन्द्र रावत ने 30000 रुपये खर्च करके गाँव में अपनी बहन के लिए शौचालय बनवाया था। जिसके बाद वहां पर कई लोगों ने अपनी बहनों के लिए शौचालय बनवाये।

”अनोखी अमेठी का अनोखा भाई” योजना की शुरआत करने वाली आईएएस ऑफिसर अपूर्वा दुबे इससे पहले भी कानपुर ,बरेली आदि जगहों पर कई कार्यक्रम चला चुकीं हैं। कानपुर देहात के स्कूलों में चल रही मिडडे मील की सुविधा के अंतर्गत बच्चों को पौष्टिक खाना देने के उद्देश्य से अपूर्वा ने स्कूल के मैदान में ही फल और सब्जियां उगवायीं ताकि बच्चों को पौष्टिक खाना उपलब्ध कराया जा सके।

इस रक्षाबंधन पर ”अनोखी अमेठी का अनोखा भाई” की योजना को सफल बनाने लिए डीएम ,सीडीएमओ समेत पूरा प्रशासन मुस्तैद है।