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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को 25 अप्रैल तक आईसीसी चैंम्पियंस ट्रॉफी के लिए भारतीय टीम का ऐलान करना था। मगर बीसीसीआई ने टीम की घोषणा नहीं की है। जिसके बाद अब टूर्नामेंट में गत विजेता भारत के खेलने पर सस्पेंस बन गया है। बीसीसीआई का कहना है कि वो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (ICC) की मीटिंग खत्म होने के बाद टीम की घोषणा कर सकती है।

दरअसल बीसीसीआई और आईसीसी के बीच नए वित्तीय मॉडल को लेकर विवाद चल रहा है। आईसीसी के नए वित्तीय मॉडल को लेकर बीसीसीआई ने अड़ियल रवैया अपना रखा है। रिपोर्ट्स के अनुसार बीसीसीआई और आईसीसी के बीच रेवेन्यू शेयर को लेकर टकराव बना हुआ है।

बिग थ्री

आईसीसी के पुराने वित्तीय मॉडल की बात करें, तो ‘बिग थ्री’ (भारत, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया) को मिलने वाले राजस्व का प्रतिशत बाकी देशों को मिलने वाले राजस्व प्रतिशत से ज्यादा था। इन तीन क्रिकेट बोर्ड के पास बेतहाशा पैसा होने का भी यही कारण है। जिसके कारण आईसीसी इसे अब बदलना चाहती है। आईसीसी अब इन तीन देशों के वर्चस्व को कम करना चाहती है और रेवेन्यू शेयर को सदस्य देशों में सही तरीके से बांटना चाहती है।

बीसीसीआई का विरोध जारी

मगर बीसीसीआई इसका लगातार विरोध कर रही है। बीसीसीआई का कहना है कि क्रिकेट को सबसे ज्यादा मुनाफा और सबसे ज्यादा लोकप्रियता इन्ही देंशों से मिलती है। इसके साथ ही कई और मुद्दों पर भी ये तीन देश ज्यादा लाभ देते हैं। जिसके कारण इनको कुछ अतिरिक्त लाभ देने में आईसीसी को किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। इसके बाद बीसीसीआई ने इस फैसले को जून के महीने तक टालने की भी बात की थी। ताकि भारतीय टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा ले सके।

आपको बता दें कि अब 27 अप्रैल को आईसीसी के नए मॉडल पर वोटिंग होनी है। यदि वोटिंग बीसीसीआई के खिलाफ जाती है, तो बीसीसीआई इस बार आईसीसी चैंम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा न लेने का मन भी बना सकती है। यदि ऐसा होता है तो भारतीय टीम इस बार चैंम्पियंस ट्रॉफी बिना खेले ही रह जाएगी।